कौन हैं IPS रचिता जुयाल, जिनके इस्तीफे ने उत्तराखंड में मचा दी हलचल? जानें राघव जुयाल कनेक्शन

उत्तराखंड की तेजतर्रार आईपीएस रचिता जुयाल ने 10 साल की सेवा के बाद पद से इस्तीफा दे दिया. सोशल मीडिया वीडियो में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों को इस्तीफे की वजह बताया. भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई और सोशल मीडिया पर सक्रियता के चलते रचिता हमेशा चर्चा में रहीं. राज्यपाल की एडीसी से लेकर एसपी विजिलेंस तक उनका करियर बेदाग और प्रभावशाली रहा.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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उत्तराखंड की चर्चित और तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देकर राज्य की ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचा दी. उनके इस्तीफे के बाद तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि आखिर एक सफल अधिकारी ने केवल 10 साल की सेवा के बाद पुलिस सेवा को क्यों छोड़ दिया. अब रचिता ने खुद एक वीडियो संदेश के ज़रिए सामने आकर इस चर्चा पर विराम लगाया है.

अपने वीडियो में रचिता ने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत योजनाएं बताया. उन्होंने कहा, “मेरे जीवन में कुछ अपने लक्ष्य हैं जिन्हें मैं पूरा करना चाहती हूं. यह निर्णय हमारे पूरे परिवार की सहमति से लिया गया है. उत्तराखंड से मेरा भावनात्मक जुड़ाव हमेशा रहेगा और राज्य के लिए मैं अन्य तरीकों से योगदान देती रहूंगी.” इस स्पष्टता ने यह साफ कर दिया कि उनका इस्तीफा किसी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव का परिणाम नहीं है.

कौन है IPS रचिता जुयाल?

आईपीएस रचिता जुयाल उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की अधिकारी हैं, जिन्होंने हाल ही में 10 वर्षों की सेवा के बाद व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है. उनका यह निर्णय राज्य में चर्चा का विषय बन गया है, विशेषकर उनके द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाइयों के संदर्भ में.

देहरादून के मथुरावाला इलाके की रहने वाली रचिता जुयाल का पुलिस सेवा से गहरा संबंध है. उनके पिता बीडी जुयाल सीबी-सीआईडी में इंस्पेक्टर रह चुके हैं, और उनके दादा भी पुलिस अधिकारी थे. इसी पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें आईपीएस बनने की प्रेरणा दी. उन्होंने कार्मन स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और एक निजी विश्वविद्यालय से बीबीए और एमबीए की डिग्री प्राप्त की. साल 2015 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 215वीं रैंक हासिल कर उत्तराखंड कैडर में चयनित हुईं.

अपने 10 वर्षों के करियर में रचिता जुयाल ने अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में एसपी विजिलेंस के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने कई भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. हाल ही में, उन्होंने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़कर विभाग में हड़कंप मचा दिया था. इसके अलावा, वह राज्यपाल की एडीसी के पद पर भी तैनात रह चुकी हैं.

सिर्फ अफसर नहीं, सोशल मीडिया पर्सनालिटी भी

रचिता जुयाल सिर्फ एक पुलिस अधिकारी नहीं रहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी उनकी एक मजबूत पहचान बनी हुई है. उन्होंने कई बार अपनी निजी जिंदगी और भावनाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शेयर किया. उनकी प्रेम कहानी और शादी भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल रही थी. कोरोना काल के दौरान समाजसेवा करते राघव जुयाल के भाई यशस्वी जुयाल से उनकी मुलाकात प्रेम और विवाह में बदल गई.

पद से हटने के बाद भी बनीं चर्चा में

31 मई को रचिता ने डीजीपी और मुख्य सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा था, जिस पर फिलहाल सरकार ने अंतिम फैसला नहीं लिया है. रचिता उस समय राज्यपाल की एडीसी के पद पर कार्यरत थीं. रचिता की छवि एक सख्त और निष्पक्ष अधिकारी की रही है. विजिलेंस में रहते हुए उन्होंने पुलिस विभाग के ही एक सब-इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ा था. इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था.

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