फेक स्कीम और गिफ्ट के नाम पर ठगी, उत्तराखंड में Telegram के जरिए लाखों का साइबर फ्रॉड

उत्तराखंड पुलिस ने सोमवार 30 सितंबर को बताया कि केंद्र सरकार के साइबर अपराध टीम के सहयोग से 30 लाख से अधिक ठगी का भंडाफोड़ किया गया है. अपराधी सरकारी योजनाओं या कॉफी मग जैसे उपहारों का इस्तेमाल कर महिलाओं को अपने जाल में फंसाते थे. फिर सोशल मीडिया ओटीपी बनाने के लिए सिम कार्ड खरीदते थे.;

( Image Source:  meta ai )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 4 Nov 2025 5:57 PM IST

Uttarakhand Cyber Fraud: आज के डिजियल युग में क्राइम के रुप में बदल गए हैं. अब ठगी घर बैठे लोगों के अकाउंट से लाखों उड़ा ले जाते हैं. उत्तराखंड में ऐसे ही एक साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. यहां पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए 23 लाख रुपये की ठगी की गई है.

जानकारी के अनुसार साबर थाना पुलिस इस मामले की जांच की, जिसमें नागपुर महाराष्ट्र से दो महिलाओं को हिरासत में लिया गया है. उत्तराखंड पुलिस ने सोमवार 30 सितंबर को बताया कि केंद्र सरकार के साइबर अपराध टीम के सहयोग से इसका भंडाफोड़ किया गया है.

पुलिस ने दी जानकारी

साइबर अपराध के मामले में पुलिस ने सोहिल के रूप में आरोपी को गिरफ्तार किया है. यह हरिद्वार जिले के मंगलौर कस्बे का रहने वाला है. सोहिल और उसके साथी मिलकर सरकारी योजनाओं या कॉफी मग जैसे उपहारों का इस्तेमाल कर महिलाओं को अपने जाल में फंसाते थे. वो लोग उनके आधार और बायोमेट्रिक विवरण देने के लिए राजी करते थे. फिर सोशल मीडिया ओटीपी बनाने के लिए सिम कार्ड खरीदते थे. इसके बाद दोनों आरोपी 3 रुपये से 50 रुपये के बीच सिम को बेच देते थे.

20 हजार सिम का उपयोग

पुलिस ने बताया कि अपराधियों ने 20,000 से ज्यादा सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था. पुलिस अधिकारी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अप्रैल में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. ममाले की जांच के दौरान पुलिस को इस गिरोह तक पहुंचने में मदद मिली. इस शिकायत के अनुसार, खुद को चेन्नई की कल्याणी बताने वाली एक महिला ने खुद को मेटल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर बताया था. उसने फ्रॉड का शिकार हुए व्यक्ति को आठ महीने तक ठगा. उसने वादा किया कि अगर वह एक खास वेबसाइट के जरिए निवेश करेगा तो उसे तीन गुना रिटर्न मिलेगा.

स्कैमर्स को बेचे गए सिम कार्ड

पुलिस ने बताया कि हजारों सिम कार्ड को धोखाधड़ी से दूसरी महिलाओं की आईडी लिंक किए गए. ओटीपी को चीन और कंबोडिया के व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए स्कैमर्स गए. जिन्होंने व्हाट्सएप कॉल और इंस्टाग्राम घोटाले के माध्यम से भोले-भाले लोगों को फंसाया. पुलिस धोखाधड़ी के हर पहलू की जांच कर रही है. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि जब उन्होंने साइबर क्राइम अधिकारियों को इस घोटाले की सूचना देने की धमकी दी तो उनका नंबर ब्लॉक कर दिया गया और वेबसाइट भी बंद कर दी गई. 

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