उत्तराखंड निकाय चुनाव में बजा बीजेपी का डंका, 11 में से 10 मेयर सीटों पर मिली जीत; कांग्रेस का हुआ नुकसान

इस बार बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनावों के मुकाबले दोगुना बेहतर रहा. बीजेपी का प्रदर्शन शहरी इलाकों में उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है. दूसरी ओर, निर्दलीय उम्मीदवार तीसरी शक्ति के रूप में उभर रहे हैं. कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक बड़ा झटका साबित हुआ है और उसे अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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उत्तराखंड के शहरी निकाय चुनावों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 में से 10 मेयर पद अपने नाम कर लिए हैं. केवल श्रीनगर नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी ने जीत दर्ज की. इस बार बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनावों के मुकाबले दोगुना बेहतर रहा.

वहीं, पिछली बार 2 मेयर पद जीतने वाली कांग्रेस इस बार कोई भी मेयर सीट नहीं जीत सकी. हालांकि, नगर पालिका और नगर पंचायतों में उसने कुछ चुनौती पेश की. इस बार 43 नगर पालिका में बीजेपी को जीत मिली है. साथ ही पंचायत चुनाव में 46 में से 15 पर बीजेपी और 12 पर कांग्रेस विजयी रही.

निर्दलीय की दमदार उपस्थिति

इस बार श्रीनगर नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी ने जीतकर सबका ध्यान खींचा. इसके अलावा, कई नगर पालिका और पंचायत चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया.

बीजेपी के विजयी मेयर

  • देहरादून: सौरभ थपलियाल
  • ऋषिकेश: शंभू पासवान
  • अल्मोड़ा: अजय वर्मा
  • हल्द्वानी: गजराज बिष्ट
  • कोटद्वार: शैलेंद्र सिंह रावत
  • पिथौरागढ़: कल्पना देवलाल
  • काशीपुर: दीपक बाली
  • रुद्रपुर: विकास शर्मा
  • रुड़की: अनिता देवी अग्रवाल
  • हरिद्वार: किरण जैसल

कैबिनेट मंत्री के गढ़ में सेंध

निकाय चुनावों में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर मानी जा रही थी. हालांकि बीजेपी ने अधिकांश निकायों में बढ़त बनाई, लेकिन कुछ जगहों पर नतीजे असहज करने वाले रहे. श्रीनगर नगर निगम और थलीसैंण नगर पंचायत में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इसे कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की प्रतिष्ठा से जोड़ा जा रहा है. डॉ. रावत ने इन क्षेत्रों में जमकर प्रचार किया था, लेकिन निर्दलीय आरती भंडारी ने बाजी मार ली. कई जगहों पर टिकट आवंटन को लेकर असंतोष देखा गया. जिन कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिला, उनकी निर्दलीय जीत ने सवाल खड़े किए हैं.

सीएम के क्षेत्र चंपावत में परचम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के क्षेत्र चंपावत में बीजेपी ने चारों नगर निकायों में जीत दर्ज की चंपावत नगर पालिका से प्रेमा पांडे, लोहाघाट नगर पालिका से गोविंद वर्मा, टनकपुर नगर पालिका से विपिन वर्मा और बनबसा नगर पंचायत से रेखा देवी को जीत मिली है. यह जीत मुख्यमंत्री के प्रति जनता का भरोसा दर्शाती है.

प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को भी लगा झटका

जोशीमठ नगर पालिका में बीजेपी की हार से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को झटका लगा है. चमोली जिले में प्रचार की कमान भट्ट ने खुद संभाली थी, लेकिन पार्टी को सिर्फ कर्णप्रयाग और गोपेश्वर में जीत मिली. अन्य निकायों में कांग्रेस और निर्दलीयों ने बीजेपी को हराया. बीजेपी का प्रदर्शन शहरी इलाकों में उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है. दूसरी ओर, निर्दलीय उम्मीदवार तीसरी शक्ति के रूप में उभर रहे हैं. कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक बड़ा झटका साबित हुआ है और उसे अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा.

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