उधमसिंह नगर में 'I love Mohammed' पर बवाल, बिना परमिशन जुलूस निकालने पर पुलिसवालों पर हमला
Udham Singh Nagar: रविवार की रात को उधमसिंह नगर में 'I love Mohammed' जुलूस निकाला गया. यह सब पुलिस की परमिशन लिए बिना हो रहा था, जब पुलिस रोकने गई तो लोगों ने उन पर ही हमला कर दिया. जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस वालों के साथ बदतमीजी की और पथराव करने लगे. कई पुलिस कर्मचारी अपनी जान बचाकर भागे.;
Udham Singh Nagar: हाल ही में यूपी के कानपुर में सड़क पर खुले आम एक सनातनी पकड़ी का 'I love Mohammed' नारे लगाने का वीडियो वायरल हुआ था, जिससे काफी विवाद देखने को मिला. अब उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले से रविवार (21 सितंबर) को ऐसा ही मामला सामने आया. इस दौरान हिंसक विवाद खड़ा हो गया.
जानकारी के अनुसार, काशीपुर में देर रात कुछ लोग बिना अनुमति के सड़क पर जुलूस निकाल रहे थे. पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी हुई वह मौके पर पहुंची. लोगों ने पुलिस वालों पर ही हमला किया और उनके साथ मारपीट की. आरोपियों ने पुलिस की गाड़ी पर पथराव भी किया.
नारे लगाते लोगों ने निकाला जुलूस
सड़कों पर लोग आई लव मोहम्मद के नारे लगाने हुए एक जुलूस निकाल रहे थे. पुलिस ने इस रोकने की कोशिश की तो उन पर ही हमला किया गया. गाड़ी के शीशे तोड़े और काफी हंगामा हुआ. पुलिस ने एक्शन लेते हुए कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उन्हें हिरासत में लिया है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
रविवार रात करीब 10 बजे काशीपुर के अल्ली खां में कुछ लोग आई लव मोहम्मद जुलूस निकाल रहे थे. पुलिस का कहना है कि इसके लिए हमसे कोई परमिशन नहीं ली गई थी. हमें कॉल करके किसी ने इस जुलूस के बारे में बताया और जब हम वहां पहुंचे तो हमारे ऊपर हमला किया गया.
जानकारी के अनुसार, जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस वालों के साथ बदतमीजी की और पथराव करने लगे. कई पुलिस कर्मचारी अपनी जान बचाकर भागे. इलाके में माहौल को शांत करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं.
क्या है आई लव मोहम्मद?
आई लव मोहम्मद का मतलब है पैगंबर मुहम्मद के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करना. मुस्लिम धर्म में पैगंबर मुहम्मद को बहुत सम्मान और आदर दिया जाता है और उनके प्रति अपनी भक्ति दिखाने के लिए लोग 'I love Mohammed' बोलते हैं. इसे बोलने का उद्देश्य केवल श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करना होता है, न कि किसी को चोट पहुंचाना. हाल के समय में सोशल मीडिया पर इसे कभी-कभी मजाक या ट्रेंडिंग शब्द के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. कई बार दो समुदाय में धार्मिक विवाद के दौरान भी ऐसे नारे लगाए जाते हैं.