केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों का पुनर्विकास, अब गंगोत्री और यमुनोत्री पर सरकार का ध्यान
केदारनाथ धाम को नए रूप में विकसित किया जा चुका है, जबकि बद्रीनाथ धाम का पुनर्विकास कार्य अभी जारी है. अब सरकार की नजरें गंगोत्री और यमुनोत्री धामों पर हैं. दोनों धामों के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा.;
उत्तराखंड : केदारनाथ धाम को नए रूप में विकसित किया जा चुका है, जबकि बद्रीनाथ धाम का पुनर्विकास कार्य अभी जारी है. अब सरकार की नजरें गंगोत्री और यमुनोत्री धामों पर हैं. दोनों धामों के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. एक बार सबमिशन और अप्रूवल हो जाने के बाद, इन धामों में होने वाले कार्यों की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी और फिर काम शुरू होगा.
हर साल चारधाम यात्रा में यात्रियों और पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके चलते इन स्थानों पर सुविधाओं का विस्तार भी जरूरी हो गया है. इस बार की चारधाम यात्रा के दौरान गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में कुछ परेशानियाँ आई थीं. हालांकि, कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो गई, लेकिन ये मांग लगातार उठ रही है कि गंगोत्री और यमुनोत्री धामों को भी केदारनाथ और बद्रीनाथ की तरह विकसित किया जाए. उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने पहले ही कुछ योजनाओं के प्रस्ताव भेजे थे, और अब सरकार इस दिशा में गंभीर हो गई है. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इन धामों का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति की है.
मास्टर प्लान में यात्री सुविधाओं और आपदा प्रबंधन पर जोर
गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के मास्टर प्लान में यात्री सुविधाओं का विकास, स्वास्थ्य सेवाएं, भीड़ प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, रहने की व्यवस्था, पार्किंग और वैकल्पिक मार्ग जैसी कई जरूरी विषयों को शामिल किया गया है. मास्टर प्लान को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और फिर शासन में इसका प्रस्तुतीकरण किया जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद, हितधारकों की राय लेकर डीपीआर तैयार की जाएगी और दोनों धामों में विकास कार्य शुरू होंगे.
लगातार होते हैं हादसे
चार धाम की यात्रा करने के दौरान बहुत से हादसे होते रहते हैं.जैसे कभी कोई टैंपो पलट गया तो, कभी खाई में बस गिर गई. 8 जून के डेटा के मुताबिक अभी तक 96 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. इसमें केदारनाथ धाम में 47, बदरीनाथ धाम में 21, यमुनोत्री धाम में 21 और गंगोत्री धाम में 7 श्रद्धालुओ की मौत हो चुकी है. इसी वजह से जिस तरह केदारनाथ धाम को नए तरह से विकसीत किया गया है और बद्रीनाथ पर काम हो रहा है, वैसी ही अब लोगों ने गंगोत्री और यमुनोत्री पर काम करने के लिए अवाज उठाई है.