निर्दयी मां ने की अपनी ही बेटी की हत्या, पेड़ से लटका दिया शव; सात महीने बाद हुई सुनवाई
उत्तराखंड के कूणा पंचायत जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. जहां एक महिला ने अपनी बेटी को मौत के घाट उतार डाला. जानकारी के अनुसार महिला का कहना है कि उसकी बेटी किसी लड़के से बातचीत करती थी. इनकार करने के बाद भी वह रुकी नहीं. इसलिए उसे मौत के घाट उतार डाला.;
उत्तराखंड के कूणा पंचायत में खेड़ा रगवाड़ के पास टोंस नदी के किनारे संदिग्ध हालत में छात्र का शव मिला. पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. अधिकारियों का कहना है कि मृतक छात्र का शव पेड़ पर फंदे से लटका मिला. जानकारी के अनुसार अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने इस मामले पर करीब सात महीने बाद जाकर कार्रवाई की है.
वहीं पुलिस ने इस मामले में मृतक छात्र की मां रीना और उसके सौतेले पिता पप्पू निवासी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. दरअसल मृतिका के पिता ने अदालत में बेटी की हत्या की अर्जी लगाई थी. दायर याचिका में कहा गया था कि उसकी मां ने हा ही में उसके सौतेले पिता और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर बेटी की हत्या कर दी है. वहीं अदालत के आदेश के बाद पुलिस घटना की जांच में जुटी है.
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
जानकारी के अनुसार ये घटना 4 जून 2024 की है. जब मृतकिका के पिता ने थाने में बेटी की हत्या का शक जताया था. लेकिन उस दौरान पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. बताया गया कि 4 जून सुबह राधिका बकरी चराने के लिए जंगल में तो गई, लेकिन वापिस नहीं लौटी. जब दोपहर तक राधिका घर वापिस नहीं आई तो उसे ढूंढा गया. वहीं तलाश के बाद टोंस नदी के पास फंदे से शव लटका मिला. बताया गया कि उसके कपड़े को फाड़कर फंदा बनाया गया और शव को वहां लटका दिया गया. पुलिस को घटवा स्थल के पास एक पत्थल और जूते और गले की चैन मिली. शव का पोस्टमॉर्टम भी कराया गया. जिसके बाद मृतिका के पिता ने हत्या की आशंका जताई और कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन पुलिस ने उस दौरान कार्रवाई नहीं की. वहीं पुलिस के कोई एक्शन न लेने के बाद पीड़ित पिता ने अदालत का रुख किया. जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को मामले में तथ्य जांचने के आदेश दिए. सात महीने बाद जाकर पुलिस ने कार्रवाई करना शुरू किया.
नानी के साथ रहती थी छात्र
जानकार के अनुसार 10वीं छात्र की राधिा कूणा पंचायत खेड़ा रगवाड़ में अपनी नानी के साथ उनके घर में रहती थी. उसके साथ उसकी मां और सौतेला पिता भी रहता था. राधिका की पढ़ाई का पूरा खर्चा राधिका के पिता जगत सिंह उठाते थे जो उत्तरकाशी के मोरी नेटवाड़में रहते हैं. हालांकि हत्या के बाद पिता को सौतेले पिता पर शक हुआ. जिसके बाद हत्या की आशंका जताते हुए शिकायत करवाई गई.
हत्या नहीं आत्महत्या
पुलिस के पास मामला पहुंचा तो उन्होंने इसे हत्या की जगह आत्महत्या करार किया. लेकिन पिता को शक तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी शिकायत की. लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस से पिता ने शिकायत में बताया कि आरोपी मां ने उन्हें बताया था कि राधिका किसी से फोन पर बात करती है. इसलिए सौतेले पिता और मां ने रोकने के लिए उसकी पिटाई की थी. लेकिन कुछ समय के बाद जब पिता ने बेटी से बात करने के लिए फोन मिलाया तो उन्होंने राधिका के आत्महत्या की सूचना दी. लेकिन पिता ने इसे माना नहीं और बेटी की हत्या का शक जताया.