महिलाओं के लिए सेफ नहीं दून! NARI 2025 रिपोर्ट तैयार करने वाली कंपनी को पुलिस ने भेजा नोटिस, डेटा पर उठे सवाल
Dehradun News: NARI 2025 रिपोर्ट में देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों में से एक बताया गया था. अब पुलिस ने रिपोर्ट तैयार करने वाली कंपनी को नोटिस भेजा. SSP ने कहा कि देहरादून की महिलाओं की आबादी लगभग 9 लाख है, लेकिन सर्वे में मात्र 400 महिलाओं से ही डेटा लेकर निष्कर्ष निकाला गया, जो काफी नहीं है.;
Dehradun News: हाल ही में उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा पर आधारित एक सर्वे किया गया है, जिसमें देहरादून को सबसे असुरक्षित पाया गया है. NARI 2025 रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी. हालांकि कुछ ही दिनों बाद उत्तराखंड सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया. अब पुलिस ने उस रिपोर्ट तैयार करने वाली प्राइवेट कंपनी P-Value Analytics को समन भेजा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देहरादून पुलिस ने कंपनी को नोटिस भेजा और जवाब मांगा है, जिसमें देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों में से एक बताया गया था. अब रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया.
कंपनी को भेजा नोटिस
इस मामले पर SSP अजय सिंह ने कंपनी के प्रबंध निदेशक और डेटा कलेक्शन व विश्लेषण करने वाली टीम को एक हफ्ते के अंदर सभी दस्तावेजों व सर्वे से जुड़ी सामग्री के साथ हाजिर होने के आदेश दिए हैं. SSPने स्पष्ट कहा, अगर रिपोर्ट आधारहीन निकली, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी.
क्या थी NARI की रिपोर्ट?
NARI 2025 में देहरादून को महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से देश के टॉप-10 असुरक्षित शहरों में शामिल किया गया था. यह रिपोर्ट 28 अगस्त को महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहतकर की मौजूदगी में जारी की गई थी. उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 4% महिलाएं ही ऐप्स और तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करती हैं, जबकि गौरा शक्ति ऐप पर पर 1.25 लाख पंजीकरण हुए हैं, जिनमें से 16,649 अकेले देहरादून से हैं.
इसके बाद राज्य सरकार ने रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. फिर पुलिस, व्यापार मंडल और शिक्षण संस्थानों ने रिपोर्ट को भ्रामक बताया और इसकी जांच की मांग की.
कंपनी का बयान
पुलिस की पूछताछ में P-Value Analytics के मयंक धैया ने कहा कि यह सर्वे एक शैक्षणिक परियोजना का हिस्सा था, जिसमें डेटा संग्रह और विश्लेषण के लिए दो अलग-अलग टीमें काम कर रही थीं, लेकिन उनका जवाब पुलिस को कुछ सही नहीं लगा.
पुलिस और महिला आयोग दोनों ने रिपोर्ट की पद्धति पर सवाल उठाए. SSP ने कहा कि देहरादून की महिलाओं की आबादी लगभग 9 लाख है, लेकिन सर्वे में मात्र 400 महिलाओं से ही डेटा लेकर निष्कर्ष निकाला गया, जो काफी नहीं है. सीएमओ ने पत्र में कहा, डेटा फोन इंटर्व्यू (CATI और CAPI) के जरिए ही लिया गया था, ना कि आमने-सामने बातचीत से.
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महिला आयोग का बयान
रिपोर्ट पर महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंदवाल ने कहा, महिला आयोग का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने रिपोर्ट की विश्वसनीयता को चुनौती दी और प्रश्न उठाए कि किस उम्र और पेशे की महिलाओं से बात की गई, सर्वे की मूल पद्धति क्या थी और भी कई सवाल शामिल थे.