चमोली में बादल फटने से बड़ा हादसा, पानी में बह गए कई घर, 2 का रेस्क्यू और 10 लापता | तबाही के 5 VIDEOS
Chamoli Cloudburst: चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में गुरुवार सुबह बादल फटा है. इस दौरान कई घरों को नुकसान पहुंचा और 10 लोग लापता हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय बादल फटा सब कुछ अचानक हुआ कि लोगों को बचाने के लिए कुछ करने का मौका भी नहीं मिल पाया.;
Chamoli Cloudburst: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से बारिश आफत बनकर बरस रही है. हाल ही में देहरादू में बादल फटने से तबाही मची थी. अब चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में गुरुवार सुबह बादल फटा है. इससे कुन्त्री लंगाफली वार्ड में कई मकान मलबे में दब गए, जिससे कम से कम पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं.
यह घटना अलकनंदा नदी के पास हुई, जिसमें 2 लोगों का सुरक्षित मलबे से निकाला गया है. वहीं 5 की तलाश जारी है. सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि नदी के उफान और घरों व सड़कों को हुए नुकसान पहुंचा है.
बादल फटने से घर तबाह
जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, कई लोग मकानों के अंदर फंसे थे, जिनमें से दो को जिंदा बचा लिया गया जबकि 10 अभी भी लापता हैं. इस घटना में करीब 10-12 घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं और कुछ दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.
जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि SDRF, NDRF और स्थानीय टीमें मौके पर भेज दी गई हैं. राहत कार्यों के लिए सड़कों को JCB से खोलने की कोशिश जारी है और प्रभावित लोगों को राहत केंद्रों में शिफ्ट किया जा रहा है.
कितना हुआ नुकसान?
नंदानगर में बादल फटने से डरावना मंजर देखने को मिल रहा है. अचानक मलबा गिरने से भारी नुकसान पहुंचा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय बादल फटा सब कुछ अचानक हुआ कि लोगों को बचाने के लिए कुछ करने का मौका भी नहीं मिल पाया.
यहां भी फटा बादल
नंदानगर घाट क्षेत्र में बादल फटने के अलावा धुर्मा गांव में भी बादल फटने से हादसे की जानकारी सामने आई है. यहां पर 5 घरों को नुकसान पहुंचा है. बता दें कि इस साल मानसून में चमोली जिले को कई बादल फटने और भूस्खलनों ने गंभीर रूप से प्रभावित किया है.
केंद्र सरकार की टीम जल्द ही उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल का दौरा कर नुकसान की जांच करने वाली है. इससे पहले अगस्त में भी नंदानगर क्षेत्र में भूस्खलन के कारण मकानों में दरारें पड़ने से कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा था.