अशुभ है यमुना कॉलोनी में R2 बंगला, वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद क्यों हुई चर्चा?

हाल ही में, यह बंगला 2022 में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सौंपा गया था, जिन्होंने रविवार को बजट सत्र के दौरान अपनी टिप्पणी 'ये राज्य केवल पहाड़ियों का नहीं है' पर विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया. लेकिन अब उन्हें आवंटित यमुना कॉलोनी में R2 बंगला जिसे अशुभ करार दिया गया है उसे लेकर चर्चा की जा रही है.;

Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 18 March 2025 6:01 PM IST

उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ सालों में कुछ अंधविश्वासों ने जोर पकड़ा है. पहला तब जब मुख्यमंत्री आवास को लेकर मान्यता थी कि इस आधिकारिक आवास में रहने वाला मुख्यमंत्री शायद ही कभी अपना कार्यकाल पूरा कर पाता है. दूसरा अब इस लिस्ट में एक और शामिल हो गया है जो यमुना कॉलोनी में R2 बंगला है. जिसे लेकर मान्यता है कि जिस भी मंत्रियों, स्पीकर और वरिष्ठ अधिकारियों को यह बंगला आवंटित किया गया है - अपने रहने वालों के लिए दुर्भाग्य लेकर आया है.

हाल ही में, यह बंगला 2022 में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सौंपा गया था, जिन्होंने रविवार को बजट सत्र के दौरान अपनी टिप्पणी 'ये राज्य केवल पहाड़ियों का नहीं है' पर विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया. इससे इस घर के 'अशुभ' होने की धारणा को और जोर मिला है. लेकिन यह संयोगवश एन डी तिवारी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से जुड़ा है, जब यह बंगला तत्कालीन सिंचाई मंत्री शूरवीर सिंह सजवान को आवंटित किया गया था.

17 मंत्रियों की नियुक्ति में 11 बचे 

हालांकि, उन्हें संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के बाद पद छोड़ना पड़ा, जिसमें यह अनिवार्य किया गया कि मंत्रिपरिषद में सीएम सहित मंत्रियों की कुल संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं होगी.' इस घटना को याद करते हुए, पूर्व कांग्रेस सदस्य मथुरा दत्त जोशी, जो अब भाजपा में हैं. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'तिवारी ने 2002 में शुरू में 17 मंत्रियों की नियुक्ति की थी. लेकिन सुधार के बाद, उन्होंने सभी मंत्रियों से इस्तीफा मांग लिया और केवल 11 को ही बरकरार रखा. किशोर उपाध्याय और सुरेंद्र सिंह नेगी सहित पांच अन्य लोगों के साथ सजवान को भी छोड़ दिया गया, इसलिए, वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.'

हरक सिंह के पांच साल 

बता दें कि हरक सिंह रावत जो साल 2007 से 2012 के बीच तत्कालीन कांग्रेस विधायक रहे. उन्होंने इस बंगले में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने में कामयाब रहे. 2016 में, जब यह बंगला उनके पास था, तब वे भाजपा में शामिल हो गए. बाद में, जब 2017 में भाजपा सत्ता में आई, तो उन्हें मंत्री बनाया गया. हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए.

बंगले को अशुभ बोलना कितना सही 

2022 में प्रेमचंद अग्रवाल को यह बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन रविवार को उनके इस्तीफे से एक बार फिर साबित हो गया कि बंगले अशुभ बोलना कितना सही है. इससे पहले, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में अग्रवाल को यमुना कॉलोनी में स्थित आधिकारिक अध्यक्ष का आवास दिया गया था. पॉलिटिकल एनालिस्ट जय सिंह रावत कहते हैं, 'हरक सिंह रावत विपक्ष के नेता के तौर पर इस बंगले में पांच साल पूरे करने में कामयाब रहे, लेकिन यहां रहने वाले सभी मंत्री अपना कार्यकाल पूरा करने में विफल रहे. अब यह कुछ हद तक राजनीतिक अपशकुन बन गया है. अब यह देखना बाकी है कि यह बंगला आगे किसे आवंटित किया जाता है.

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