एक झगड़ा और सियासत में Entry, फिर 2007 के आंसुओं को 18 सालों में बना दिया शोला! फफकते योगी से दहाड़ते मुख्यमंत्री तक
5 जून को जन्मे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जिस बुलडोज़र एक्शन के लिए जाने जाते हैं, कभी वही योगी 2007 में लोकसभा में खड़े होकर फूट-फूट कर रोए थे. उन्होंने सदन में खुद के खिलाफ हो रहे राजनीतिक उत्पीड़न, जेल भेजे जाने और आईएसआई व माफियाओं के खिलाफ आवाज़ उठाने पर साजिशन टारगेट किए जाने की बात कही थी.;
Happy Birthday Yogi Adityanath: आज यानी 5 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है. एक ऐसा नाम जो आज सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि 'बुलडोज़र बाबा' और ‘हिंदुत्व के योद्धा’ की पहचान के नाम से जाने जाते हैं. लेकिन इस ताकतवर छवि के पीछे एक लंबा संघर्ष, तपस्या और दर्द की कहानी भी है. कभी गढ़वाल की पहाड़ियों में एक साधारण परिवार में जन्मे अजय सिंह बिष्ट, आज पूरे उत्तर प्रदेश में एक निर्णायक नेता के रूप में जाने जाते हैं.
योगी के जीवन की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि उन्होंने संघर्ष को ही अपना हथियार बनाया. 2007 में लोकसभा में जब वे फफक कर रोए थे, तो किसी ने नहीं सोचा था कि यही युवा साधु एक दिन देश के सबसे बड़े सूबे का सबसे ताकतवर मुख्यमंत्री बनेगा. आज वे ना सिर्फ यूपी की सियासत की धुरी हैं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी गूंज है. जनता के लिए 'सीएम योगी' एक नाम नहीं, बल्कि एक भरोसा बन चुका है. अपराधियों के लिए खौफ और आम आदमी के लिए कानून का संरक्षक. आइए इस मौके उनके कुछ चर्चित किस्से और 2007 के आंसू को कैसे उन्होंने अंगार में बदला जानते है.
योगी की सियासत में एंट्री कैसे?
BBC के मुताबिक, बात दो दशक पहले की है. गोरखपुर शहर के मुख्य बाज़ार गोलघर में गोरखनाथ मंदिर से संचालित इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ छात्र एक दुकान पर कपड़ा ख़रीदने आए और उनका दुकानदार से विवाद हो गया. दुकानदार पर हमला हुआ, तो उसने रिवॉल्वर निकाल ली. दो दिन बाद दुकानदार के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर एक युवा योगी की अगुवाई में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया और वे एसएसपी आवास की दीवार पर भी चढ़ गए. यह योगी आदित्यनाथ थे, जिन्होंने कुछ समय पहले ही 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी. गोरखपुर की राजनीति में एक 'एंग्री यंग मैन' की यह धमाकेदार एंट्री थी.
जब भगवाधारी सांसद लोकसभा में फफक पड़ा
12 मार्च 2007, समय दोपहर 12:11, लोकसभा टीवी पर एक दृश्य जिसने पूरे देश को चौंका दिया, भगवाधारी योगी आदित्यनाथ खड़े-खड़े जार-बेजार रो रहे थे. गला रुंधा हुआ, आंखों में आंसू और दिल में पीड़ा. अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी उन्हें ढांढस बंधा रहे थे. योगी बोले- “मैंने संन्यास लिया है अपने समाज के लिए. लेकिन मुझे अपराधी बना दिया गया, क्योंकि मैंने भ्रष्टाचार और आईएसआई गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाई थी.'
मुलायम राज में माफिया की हनक और योगी की जेल यात्रा
जनवरी 2007 में मुहर्रम के जुलूस के दौरान बवाल मचा. पत्थरबाजी हुई, लेकिन दोष मढ़ा गया योगी पर. तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जेल भिजवा दिया. योगी तब गोरखपुर से सांसद थे. बाहर आए तो संसद में रो पड़े. उसी समय मुख्तार अंसारी के गुंडों ने योगी के काफिले पर जानलेवा हमला कर दिया. लेकिन योगी रुके नहीं. वह रोए, पर झुके नहीं.
वक्त पलटा, भगवा लहराया… और सीएम योगी का उदय हुआ
2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और सबको चौंकाते हुए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया गया. CM बनते ही पहला वार- गुंडों की शामत आ गई. 'थानों में तख्तियां लटकाए अपराधी खुद चलकर आत्मसमर्पण करने लगे.' बुलडोजर चला, गैंगस्टर भागे और कानून का राज दिखने लगा.
2023- जब योगी ने कहा-'माफिया को मिट्टी में मिला देंगे!'
प्रयागराज में उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या ने सबको हिला दिया. अतीक अहमद के बेटे असद पर आरोप था। विधानसभा सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया, तो योगी दहाड़े-“माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा!” ये सिर्फ चेतावनी नहीं थी, ये भविष्यवाणी थी.
अतीक-अशरफ की लाश और योगी का बुलडोजर राज
इसके बाद जो हुआ वो आज भी इतिहास बन चुका है, असद एनकाउंटर में ढेर अतीक-अशरफ को कोर्ट में पेशी के दौरान लाइव शूट कर दिया गया. बुलडोजर चला, संपत्ति जब्त हुई. जिस संन्यासी को कभी लोकसभा में रोते देखा था, आज वही शेर की तरह दहाड़ता है. तब संसद सन्न थी, आज माफिया कांपते हैं.
योगी आदित्यनाथ के बारे में...
- असली नाम: अजय सिंह बिष्ट
- जन्म- 5 जून 1972, पंचूर गांव, यमकेश्वर तहसील, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
- पिता- आनंद सिंह बिष्ट (पूर्व फॉरेस्ट रेंजर)
- माता- सावित्री देवी
भाई-बहन- कुल 7 भाई-बहन, योगी आदित्यनाथ इनमें पाँचवे नंबर पर हैं. उनके एक भाई मनोहर बिष्ट इंडियन आर्मी में थे और एक भाई महेंद्र सिंह बिष्ट ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में योगी के सामाजिक योगदान की सराहना की थी.
- शिक्षा- B.Sc. (गणित), हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी
- सन्यास और गोरखनाथ पीठ
- 1993 में वे गोरखनाथ मठ आए और महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बने.
- 1994 में उन्होंने सन्यास लिया और नाम पड़ा "योगी आदित्यनाथ".
- 1998 में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ के देहांत के बाद वे गोरखनाथ मठ के महंत बने.
- उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी नामक संगठन की स्थापना की, जो उत्तर प्रदेश में सक्रिय रहा है.
राजनीतिक करियर की शुरुआत और उभार
- 1998- पहली बार गोरखपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। तब उनकी उम्र सिर्फ 26 साल थी.
- लगातार 1998, 1999, 2004, 2009, और 2014 में पांच बार सांसद चुने गए.
- उनके शुरुआती राजनीतिक दौर में हिंदुत्व और कट्टर छवि को लेकर वे विवादों और चर्चाओं में रहे.
- 2007 का लोकसभा वाला रोने का किस्सा
- जनवरी 2007 में गोरखपुर में दंगा हुआ, जिसमें एक युवक की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ धरने पर बैठ गए.
- प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, और उसी दौरान दंगा और तेज हो गया.
- जब उन्हें लोकसभा में यह बात रखने का मौका मिला, तो योगी आदित्यनाथ अपनी बात कहते हुए फफक-फफक कर रो पड़े.
- उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया, और हिन्दू समाज के साथ अन्याय हो रहा है.
- लोकसभा उस दिन सन्न थी, और ये पल योगी की छवि के एक मानवीय और भावनात्मक पक्ष को उजागर करने वाला था.
- मुख्यमंत्री बनने का सफर
- 2017- भाजपा ने भारी बहुमत से जीत हासिल की और योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का 21वां मुख्यमंत्री बनाया गया.
- 2022- भाजपा ने फिर जीत हासिल की और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने.
- इतिहास रच दिया- वे यूपी के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो लगातार दो बार पूर्ण कार्यकाल वाले सीएम बने.
- उनके कार्यकाल में अपराधियों पर बुलडोज़र चलाने की नीति, अवैध कब्जों पर सख्ती और धार्मिक स्थलों को लेकर स्पष्ट बयानबाज़ी चर्चित रही.
ताकत और छवि
- योगी आदित्यनाथ की छवि एक सख्त, निर्णायक, और हिंदुत्ववादी नेता की है.
- वे भाजपा के ऐसे नेता हैं जिनका जनाधार ज़मीनी स्तर पर जबरदस्त है, खासकर पूर्वांचल में.
- उनकी पहचान एक "बुलडोज़र बाबा" की भी बन चुकी है, जो माफियाओं और अपराधियों पर सीधा एक्शन लेते हैं.
- राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि योगी मोदी के बाद भाजपा के सबसे ताकतवर और लोकप्रिय नेता बन चुके हैं.