योगी सरकार के आगे नहीं झुके छात्र, 4 दिनों से प्रदर्शन जारी, जबरन गाड़ी में लादकर ले गई पुलिस
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ प्रयागराज में 4 दिन से धरने पर बैठे छात्रों पर अब पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं कि प्रदर्शनकारी छात्र सुनने के तैयार नहीं हैं और उन्होंने प्रशासन और आयोग से उनकी समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत करने का अनुरोध खारिज कर दिया है.;
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के सामने छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है, जिसमें पुलिस की कार्रवाई ने स्थिति को और भी उग्र बना दिया है. पुलिस फोर्स के अचानक पहुंचने और कुछ छात्रों को घसीट कर ले जाने के बाद, छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया. इनमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल हैं, जो धरने का नेतृत्व कर रहे थे. इस दौरान कई छात्राएं घायल हो गईं और बताया गया है कि पुलिसकर्मी महिला पुलिसकर्मी के बिना ही मौके पर पहुंचे थे, जिससे छात्राओं के साथ अभद्रता की भी घटनाएं हुईं.
छात्राओं का कहना है कि यह घटना उनके लिए अस्वीकार्य है, और उन्होंने अब खुद मोर्चा संभालते हुए धरने का नेतृत्व करना शुरू कर दिया है. यह घटना छात्रों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ाने वाली हो सकती है, खासकर जब आरोप महिला पुलिसकर्मियों की अनुपस्थिति और अभद्रता के लगाए जा रहे हैं.
यह घटना प्रशासन के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करती है, क्योंकि इसे शांतिपूर्ण और प्रभावी तरीके से सुलझाना आवश्यक है. पुलिस की कार्रवाई और छात्र-नेताओं के खिलाफ ऐसी कठोर कदमों से विरोध और हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है, जो चुनावी माहौल में और भी जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है. प्रशासन को इस मामले में तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि छात्रों के अधिकारों और कानून-व्यवस्था के बीच संतुलन बना रहे.
क्या बोला प्रशासन?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज गेट नंबर 1 के बाहर प्रतियोगी छात्रों का धरना जारी है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस आरओ, एआरओ परीक्षा सामान्यीकरण एवं 2 दिन में कराने की अपनी मांगों को लेकर 2. प्रयागराज के पीपीएससी परीक्षाओं को लेकर अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन पर, डीएम, प्रयागराज, रवींद्र कुमार मंदर कहते हैं, "हमने प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करने की कोशिश की. हमने उनसे एक प्रतिनिधिमंडल बनाने का अनुरोध किया और हम उन्हें आयोग से बात कराएंगे. हम कोई समाधान ढूंढ सकते हैं, प्रदर्शनकारी छात्र सुनने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने इसे खारिज कर दिया.
कैसे और क्यों शुरू हुआ विवाद?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नार्मलाइजेशन सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है, जिसे लेकर एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया गया है. यह सिस्टम तब लागू होगा जब परीक्षा दो या दो से अधिक दिनों तक चलेगी. इस व्यवस्था के तहत, अगर परीक्षा के परिणामों में कोई असमानता आती है, तो उन्हें परसेंटाइल के आधार पर समायोजित किया जाएगा, ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके.
हालांकि, अगर कोई परीक्षा एक ही दिन में आयोजित होती है, तो उसमें नॉर्मलाइजेशन सिस्टम लागू नहीं होगा. यह व्यवस्था परीक्षा के निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए है, खासकर उन परीक्षाओं में जो कई दिनों तक चलती हैं और जिनमें विभिन्न शिफ्ट्स में उम्मीदवारों को बैठने का मौका मिलता है.