Mission Asmita की बड़ी सफलता, ISIS जैसी स्टाइल में चल रहे बड़े धर्मांतरण और कट्टरपंथी गैंग का पर्दाफाश, छह राज्यों से 10 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण और कट्टरपंथी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसकी कार्यप्रणाली आतंकी संगठन ISIS जैसी पाई गई है. यह कार्रवाई ‘मिशन अस्मिता’ के तहत हुई. इस रैकेट में शामिल लोगों ने दो बहनों को जबरन धर्म परिवर्तन और कट्टरपंथी सोच के लिए प्रभावित किया था. जांच में पता चला कि अमेरिका और कनाडा जैसे देशों से फंडिंग की जा रही थी. अब तक 6 राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.;
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को एक अंतरराज्यीय अवैध धर्मांतरण और कट्टरपंथीकरण (radicalisation) रैकेट का पर्दाफाश किया, जो कथित तौर पर आईएसआईएस जैसी रणनीति से काम कर रहा था. इस मामले में छह राज्यों से कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
यह कार्रवाई आगरा में मार्च महीने से शुरू हुई जांच का नतीजा है, जब दो बहनें, 33 और 18 वर्ष की लापता हो गई थीं. पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों बहनों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और उन्हें कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेला गया।
आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के मुताबिक, बड़ी बहन ने एक सोशल मीडिया प्रोफाइल फोटो भी लगाई थी, जिसमें एक लड़की AK-47 रायफल पकड़े हुए दिख रही थी. शुरुआती जांच में पता चला कि ये बहनें 'लव जिहाद' और कट्टरपंथी बनाने वाले एक गिरोह का शिकार बनी थीं.
विदेशों से फंडिंग का सुराग, ISIS जैसे पैटर्न पर काम
पुलिस ने दावा किया कि इस नेटवर्क को अमेरिका और कनाडा जैसे देशों से फंडिंग मिल रही थी. गिरफ्तार लोगों की भूमिका में आर्थिक मदद लेना, पनाह देना, कानूनी सलाह देना, और धर्मांतरण की प्रक्रिया को अंजाम देना शामिल था. कमिश्नर के मुताबिक, इनकी कार्यप्रणाली आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से मेल खाता है.
गिरफ्तार आरोपी और उनका राज्यवार विवरण:
- आयशा उर्फ एस.बी. कृष्णा (गोवा)
- अली हसन उर्फ शेखर रॉय और ओसामा (कोलकाता)
- रहमान कुरैशी (आगरा)
- अब्बू तालिब (मुजफ्फरनगर, यूपी)
- अबूर रहमान (देहरादून)
- मुस्तफा उर्फ मनोज (दिल्ली)
- मोहम्मद अली और जुनैद कुरैशी (जयपुर, राजस्थान)
ATS-STF की एंट्री, 'मिशन अस्मिता' के तहत कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एंटी-टेरर स्क्वॉड (ATS) को भी जांच में शामिल किया गया है. यह कार्रवाई योगी आदित्यनाथ सरकार के 'मिशन अस्मिता' अभियान का हिस्सा है, जो अवैध धर्मांतरण, ‘लव जिहाद’, और विदेशी फंडिंग से प्रेरित कट्टरपंथ को रोकने के लिए शुरू किया गया है. डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि यूपी पुलिस केंद्र और अन्य राज्यों की एजेंसियों के साथ मिलकर नेटवर्क का पूरा जाल खंगाल रही है और आरोपियों की कस्टडी रिमांड मांगी जाएगी.