वाह रे BLO! दूल्हा चढ़ने वाला था घोड़ी, बारात रुकावर भरवा लिया SIR फॉर्म
कभी-कभी किसी छोटे से गांव में घटी एक घटना पूरे इलाके के लिए मिसाल बन जाती है. उत्तर प्रदेश के स्वार कोतवाली क्षेत्र के समोदिया गांव में ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जिसने न सिर्फ लोगों को हैरान किया, बल्कि उन्हें जागरूकता का अनोखा संदेश भी दिया. यहां एक दूल्हे की बरात उस समय कुछ देर के लिए रोक दी गई, जब ग्राम प्रधान और बीएलओ ने उससे पहले एसआईआर (SIR) फॉर्म भरवाने की पहल की और देखते ही देखते यह पल चर्चा का विषय बन गया.;
दूल्हे के घोड़ी पर चढ़ने से ठीक पहले बारात का रुक जाना किसी फ़िल्मी सीन से कम नहीं लगा, लेकिन यूपी के एक गांव में ऐसा नज़ारा जागरूकता की एक अनोखी मिसाल बन गया. स्वार कोतवाली क्षेत्र के समोदिया गांव में दूल्हे की तैयारी पूरी हो चुकी थी, डीजे की धुन पर रिश्तेदार झूम रहे थे और बारात बस रवाना होने ही वाली थी कि अचानक ग्राम प्रधान और बीएलओ ने जुलूस को रोक दिया.
वजह भी उतनी ही दिलचस्प थी, दूल्हे से SIR फॉर्म भरवाना, ताकि उसकी मतदाता सूची से जुड़ी औपचारिकता समय पर पूरी हो सके. यह अनोखी पहल देखते ही देखते गांव से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बन गई.
बारात के बीच भरवाया एसआईआर का फॉर्म
गुरुवार की शाम समोदिया गांव उत्सव के रंग में रंगा हुआ था. घर-आंगन रोशनी और खुशियों से भरा था, डीजे की तेज धुन पर रिश्तेदार झूम रहे थे, और जसीम की बरात अजीतपुर के लिए सज-धजकर तैयार थी. घोड़ी, बैंड-बाजा और बारातियों का उत्साह चरम पर था. इसी बीच अचानक एक अप्रत्याशित मोड़ आया. ग्राम प्रधान मोहम्मद आरिफ हुसैन अंसारी और बीएलओ रजिंदर सिंह वहां पहुंचे. उन्होंने हंसते हुए दूल्हे से कहा कि 'निकाह से पहले एक जिम्मेदारी पूरी करनी है. आपका एसआईआर फॉर्म भरना जरूरी है, ताकि मतदाता सूची में आपका नाम समय पर दर्ज हो सके.' यह सुनकर मौजूद लोग पहले तो चौंके, लेकिन जब उन्होंने इस पहल का मकसद समझा, तो हर कोई मुस्कुराए बिना नहीं रह सका.
दूल्हे की तत्परता बनी मिसाल
जसीम ने बिना कोई देर किए तुरंत फॉर्म भरा. उसके इस कदम ने बारातियों और गांववालों के बीच एक सकारात्मक संदेश फैलाया कि बड़ी खुशी के मौके पर भी नागरिक जिम्मेदारी निभाना मुश्किल नहीं, बल्कि जरूरी है. फॉर्म भरते ही बरात फिर शान से रवाना हुई, और इस अनोखे क्षण को देखते हुए ग्रामीण तालियां बजाते रह गए.
गांव में जागरूकता की मिसाल
इस छोटे से कदम ने पूरे इलाके में बड़ी चर्चा छेड़ दी. गांव के लोग ग्राम प्रधान और बीएलओ की इस सोच की खूब प्रशंसा करते नहीं थक रहे. उनका कहना है कि अगर हर अधिकारी इसी जिम्मेदारी से काम करे और हर नागरिक समय पर अपनी चुनाव संबंधी औपचारिकताएं पूरी करे, तो सरकारी प्रक्रिया बेहद सुचारू और प्रभावी हो सकती है. ग्राम प्रधान आरिफ हुसैन ने भी साफ कहा कि 'हम चाहते हैं कि गांव का हर नागरिक जागरूक रहे. यह पहल सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जागरूकता का संदेश है.'
सोशल मीडिया से लेकर प्रशासन तक चर्चा
यह दिलचस्प घटना गांव की सीमाओं में नहीं रुकी. सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें वायरल हो गईं, और चुनाव आयोग ने भी इस पहल को सराहा. लोग इसे जिम्मेदारी और जागरूकता का परफेक्ट उदाहरण बता रहे हैं. यूपी में एसआईआर फॉर्म की प्रक्रिया इस समय तेज़ी से चल रही है और ऐसे मौके अधिकारियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ा देते हैं. लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया कि जब जागरूकता की भावना हो, तो शादी जैसे बड़े आयोजन में भी नागरिक कर्तव्य निभाना आसान है.