मैनपुरी सेक्स कांड में नया मोड़! सामने आई Viral Video में दिख रही महिला, बोली- जीने से बेहतर है मर जाना
मैनपुरी में वायरल अश्लील वीडियो मामले ने नया मोड़ ले लिया है. वीडियो में दिखी महिला ने नेत्री की बहू और उसके माता-पिता पर वीडियो चोरी कर बदनाम करने, ब्लैकमेल करने और मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया है. महिला ने कहा- "अब मर जाना बेहतर लग रहा है." पुलिस ने IT एक्ट में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.;
बीजेपी के पूर्व नेता मनोहर लाल धाकड़ के सेक्स कांड के बाद यूपी के मैनपुरी में सीमा गुप्ता नाम की एक महिला के बेटे का 130 अश्लील वीडियो वायरल हुआ है. इस वीडियो के वायरल के साथ ही आरोपी की पत्नी ने घरेलू हिंसा और वीडियो दिखाकर धमकी देने का आरोप लगाया. अब इस मामले में वायरल वीडियो में दिख रही महिला की एंट्री हो गई है. उसने भी पुलिस से शिकायत की है. दरअसल पीडिता पत्नी के मुताबिक सीमा गुप्ता भाजपा की नेत्री बताई गई लेकिन योगी के मंत्री के मुताबिक उसे भाजपा से बहुत पहले हटा दिया गया है.
मैनपुरी में वायरल हुई अश्लील वीडियो अब केवल सनसनी नहीं, डिजिटल निजता के उल्लंघन और सियासी बदनामी का संगीन उदाहरण बन गई है. वीडियो में दिख रही महिला ने दावा किया कि उसका पुराना निजी क्लिप चोरी कर सोशल मीडिया पर उछाला गया, जिससे न सिर्फ उसकी छवि तार-तार हुई, बल्कि सीमा गुप्ता परिवार पर भी राजनीतिक दबाव बढ़ गया.
पीड़िता ने क्या कहा?
पीड़िता ने थाने में दी तहरीर में कहा कि 'भाजपा नेत्री की बहू और उसके माता-पिता वीडियो लीक कर ‘इज़्ज़त नीलाम’ करने की धमकी दे रहे थे. पैसों के लिए ब्लैकमेल की यह साजिश लंबे समय से चल रही थी. बार-बार के फोन कॉल, मैसेज और धमकियों ने उसे इतनी मानसिक यातना दी कि उसने “जीने से बेहतर मरना” जैसा बयान शिकायत में लिखा है.' लेकिन भाजपा के मंत्री जयवीर की तरफ से बयान में कहा की बहुत पहले उन्हें पार्टी से बाहर किया जा चुका है उनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है.
साजिश के केंद्र में परिवार
महिला के आरोप सीधे भाजपा नेत्री की बहू और ससुराल पक्ष पर हैं. उसने बताया कि वीडियो लीक कर परिवार ने बदले की भावना से उसे निशाना बनाया, ताकि बहू के पति यानी नेत्री के बेटे की प्रतिष्ठा पर उठते सवालों का सारा दोष उसी पर आ जाए. इस दावे ने घटना को घरेलू कलह से आगे बढ़ाकर साइबर अपराध और राजनीतिक षड्यंत्र के दायरे में ला दिया है.
पुलिस कार्रवाई और कानूनी धाराएं
पुलिस ने IT एक्ट 66E तथा भारतीय न्याय संहिता की धाराएं 308(2) और 351(2) में एफआईआर दर्ज की है. अफसरों के मुताबिक डिजिटल फोरेंसिक टीमें मोबाइल, क्लाउड और सोशल मीडिया लॉग की पड़ताल कर रही हैं. दोषियों की पहचान होते ही गिरफ्तारी और साइबर अदालत में चार्जशीट दायर करने की तैयारी है.
वायरल कल्चर कर रहा बर्बाद
यह प्रकरण याद दिलाता है कि कमज़ोर साइबर सुरक्षा और ‘वीडियो वायरल’ मानसिकता महिलाओं की निजता को किस तरह नष्ट करती है. विशेषज्ञ कहते हैं कि निजी कंटेंट के गैर-सहमति वाले प्रसार पर कठोर दंड और त्वरित न्याय न मिला तो राजनीतिक बदला, घरेलू हिंसा और ऑनलाइन ब्लैकमेल की ऐसी घटनाएँ और बढ़ेंगी. सार्वजनिक जीवन में सक्रिय महिलाओं के लिए यह खतरा कहीं अधिक तीव्र हो चुका है.