55 हजार करोड़ राजस्व का लक्ष्य, एक ही दुकान पर मिलेगी शराब-बीयर... UP की नई आबकारी नीति की बड़ी बातें

यूपी में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई है. इस नीति के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 55 हजार करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, नई नीति के तहत अब एक आवेदक केवल एक ही आवेदन प्रस्तुत कर सकता है. वहीं, बीयर और विदेशी शराब की बिक्री अब एक ही दुकान से होगी, जिसका लाइसेंस एक ही व्यक्ति के पास होगा.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 15 Feb 2025 9:12 PM IST

UP New Excise Policy: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी है. इसमें 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही राज्य पर्यटन विभाग के साथ एक अनूठे गठजोड़ में ब्रुअरीज और वाइनरी के लिए पर्यटन के दरवाजे भी खोल दिए गए हैं.

नई नीति में राज्य में शराब बनाने वाली कंपनियों और वाइनरी के लिए निर्देशित पर्यटन की व्यवस्था की गई है. हालांकि, दिशा-निर्देशों को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. 

यूपी सरकार की नई आबकारी नीति की बड़ी बातें

  1. बीयर और विदेशी शराब एक ही दुकान से मिलेगी, जिसका लाइसेंस एक ही व्यक्ति के पास होगा.
  2. एक शख्स प्रदेश भर में केवल दो दुकानों के लिए ही लाइसेंस ले सकता है. 
  3. शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी के माध्यम से होगा. एक आवेदक केवल एक ही आवेदन प्रस्तुत कर सकता है.
  4. ऐसी कंपोजिट दुकानें, जो 400 वर्ग फीट में फैली हुई हैं, उन्हें मॉडल शॉप में बदला जा सकता है. ऐसी दुकानों से लोगों को शराब बेची जा सकती है.
  5. निर्धारित एम.जी.क्यू. से अधिक विदेशी शराब या बीयर की बिक्री के लिए कोई अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क नहीं देना होगा.

आबकारी मंत्री ने क्या कहा?

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के मुताबिक, सरकार ने विदेशी शराब की नियमित श्रेणी में 90 मिलीलीटर की बोतलें शामिल की हैं. उन्होंने बताया कि प्रीमियम सेगमेंट में अब 60 मिलीलीटर और 90 मिलीलीटर की बोतलें उपलब्ध होंगी. मंत्री ने बताया कि मिलावट को रोकने के लिए देशी शराब, जो पहले कांच की बोतलों में बेची जाती थी, अब टेट्रा पैक में पैक की जाएंगी.

आबकारी आयुक्त ने क्या कहा?

राज्य के आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने कहा कि नई आबकारी नीति के अनुसार शराब बनाने वाली कंपनियों और वाइनरी के लिए निर्देशित पर्यटन के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं. 21 साल या उससे अधिक आयु के लोगों को ऐसे पर्यटन में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी. राज्य आबकारी विभाग ने आबकारी शुल्क माफ कर दिया है, अगर वाइनरी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फल राज्य में उगाए जाते हैं और फिर शराब भी उत्तर प्रदेश में बनाई जाती है.

आबकारी आयुक्त ने कहा कि पर्यटन विभाग का अधिकार क्षेत्र बाहरी ब्रुअरीज या वाइनरी तक सीमित है. इसलिए, हमने आबकारी नीति को पर्यटन नीति के साथ संरेखित करने का प्रयास किया है, हमने ब्रुअरीज को अपने परिसर में एक दुकान खोलने की अनुमति दी है. शराब चखने की अनुमति दी गई है, लेकिन किसी भी बार की अनुमति नहीं है. हम डिस्टिलरी में एक दुकान की अनुमति नहीं देते हैं, हालांकि यह पर्यटन के लिए खुला है.

मलीहाबाद में आम से बनाई जा रही है शराब

नई आबकारी नीति से मलीहाबाद के किसानों को भी मदद मिलेगी. यहां जल्द ही एक वाइनरी बनने जा रही है, जिससे इस क्षेत्र के आम उत्पादकों को लाभ होगा. यहां शराब आम और अन्य फलों से बनाई जाएगी. आईसीएआर के केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) ने भी पुष्टि की है कि दो व्यक्तियों ने आम से शराब बनाने की तकनीक के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है.

आबकारी आयुक्त ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तीन से चार वाइनरी खुलने वाली हैं. मुजफ्फरनगर में बनने वाली पहली वाइनरी ने पहले ही एक ब्रांड के लिए पंजीकरण करा लिया है. ज़्यादातर वाइन फलों से बनाई जाती है और नई वाइनरी खुलने से राज्य में फलों की खेती करने वाले किसानों को मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि मलीहाबाद इलाके में भी एक वाइनरी खुलने वाली है, जिससे आस-पास के किसानों को लाभ मिलेगा.

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