कानपुर का 'कचौड़ी वाला' निकला 1500 करोड़ का इंटरनेशनल महाठग! कहानी रविंद्र नाथ सोनी के काले साम्राज्य की
कानपुर का रविंद्र नाथ सोनी, जिसे लोग साधारण ‘कचौड़ी वाला’ समझते थे, दरअसल 1500 करोड़ रुपये का इंटरनेशनल ठग निकला. सोनी ने फर्जी कंपनियों, हवाला नेटवर्क, संपत्ति निवेश और अंतरराष्ट्रीय बैंक खातों के जरिए बड़ी ठगी का साम्राज्य खड़ा किया. उसने दुबई, नेपाल, सिंगापुर और भारत में कई शेल कंपनियाँ बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग की. स्थानीय स्तर पर वह भोलाभाला दुकानदार दिखता था, जबकि पर्दे के पीछे करोड़ों की अवैध डील्स चलाता था. पुलिस और कई एजेंसियां अब उसकी जांच में जुटी हैं.;
उत्तर प्रदेश के कानपुर के 22 करोड़ की संपत्ति वाले महाठग रविंद्र नाथ सोनी की असलियत तब खुली जब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने उसे पूछताछ के लिए सामने बैठाया. जिस आदमी ने दुबई के बुर्ज खलीफा के पास ऑफिस, 5-स्टार होटलों में निवेशकों की भीड़ और विदेशी कंपनियों में करोड़ों के मुनाफे की कहानियां सुनाईं वही शख्स SIT के सामने हाथ जोड़कर बोला- 'साहब, मैं तो दुबई में कचौड़ी बेचकर गुज़ारा कर रहा था…' लेकिन उसकी यह कहानी SIT के पास पड़े सबूतों के सामने दो मिनट भी टिक नहीं पाई.
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7 देशों में फैली ठगी, 1500 करोड़ का खेल- और भारत से लेकर दुबई तक 16 कंपनियों का जाल
SIT ने जब सोनी के सामने दस्तावेज़, बैंक स्टेटमेंट, विदेशी अकाउंट्स और लैपटॉप खोले, तो जो सामने आया वह किसी क्राइम-थ्रिलर से कम नहीं था. उसकी रजिस्टर्ड 16 कंपनियां- ब्लूचिप कमर्शियल ब्रोकर, वॉल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट एलएलसी, ब्लूचिप फ्रीहोल्ड रियल एस्टेट ब्रोकिंग, ब्लूचिप फाइनेंशियल मार्केट लिमिटेड, ब्लूचिप इन्वेस्टमेंट एलएलसी. और कई अन्य, जिनके ज़रिए पिछले 7 वर्षों में वह विदेशी निवेशकों को बड़े रिटर्न का झांसा देता रहा.
जांच में पता चला कि उसके नेटवर्क ने भारत, नेपाल, चीन, जापान, अमेरिका, फ्रांस और कनाडा तक लोगों को चूना लगाया. अब तक 700 से ज़्यादा पीड़ित सामने आ चुके हैं. SIT की दबिश में खुला ‘कचौड़ी’ वाले का साम्राज्य- करोड़ों की प्रॉपर्टी बरामद, जब SIT देहरादून में उसके किराए के फ्लैट पर पहुंची, तो यहां कचौड़ी का कोई काउंटर नहीं मिला. इसके बजाय मिला...
♦ 7.83 करोड़ रुपये का दुबई फ्लैट (Emaar Jabeel Tower)
♦ दिल्ली करोल बाग में 1.5 करोड़ की दो दुकानें
♦ चांदनी चौक में 70 लाख की दुकान
♦ नोएडा सेक्टर-118 में 1 करोड़ का फ्लैट
♦ गुरुग्राम में 3–3 करोड़ के दो लग्ज़री फ्लैट
♦ एम-3एम प्रोजेक्ट में बुकिंग के लिए दिया 1 करोड़ रुपये
दुबई के बैंक अकाउंट में भी करोड़ों- 2.89 करोड़, 1.83 करोड़, 17 लाख (तीन अलग-अलग खातों में). इस तरह अब तक 22 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता सिर्फ भारत में लगा है. असल आंकड़ा इससे कई गुना ज्यादा माना जा रहा है. फिल्मी तरीके से दुबई से फरार, रेगिस्तान पैदल पार कर ओमान पहुंचा. दुबई पुलिस के रिकॉर्ड में सोनी का देश छोड़ने का कोई डेटा नहीं था. जांच में सामने आया कि आरोपों और विदेशी शिकायतों के बढ़ते दबाव के बादउसने दुबई का रेगिस्तान पैदल पार किया, स्मगलरों की मदद से ओमान पहुँचा, और वहाँ से फ्लाइट लेकर भारत आ गया.
जब कानपुर में उसकी गिरफ्तारी की खबर आई, तो दुबई के निवेशक भी हक्के-बक्के रह गए. गुरमीत कौर, सूरज जुमानी और शाश्वत सिंह- तीन 'हाई-वैल्यू' साथी बेनकाब, SIT के हाथ तीन ऐसे नाम लगे हैं जो इस ठगी के असली ‘इंटरनेशनल नेटवर्क’ की रीढ़ बताए जा रहे हैं:
1. गुरमीत कौर (USA Based Model-Investor) विदेश में पैसा मूव कराने में बड़ी भूमिका का शक. उसके फोटो और चैट्स SIT के पास.
2. सूरज जुमानी (Dubai Based, Company का Deputy Director)- पहले खुद को पीड़ित बताकर पुलिस के सामने रोया- लेकिन बैंक रिकॉर्ड ने खोला कि वह खुद करोड़ों का लेन-देन करता था.
3. शाश्वत सिंह (Delhi)
नोटों की मोटी गड्डियां और लेन-देन के सबूत तस्वीरों में मिले. अब तीनों को नोटिस भेजने की तैयारी है. कानपुर में अब तक 6 FIR- 700+ पीड़ित, ठगी का आंकड़ा ‘हजारों करोड़’ तक पहुंचने की आशंका, पुलिस का कहना है कि यह केस सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि बहु-देशीय वित्तीय धोखाधड़ी है. ठगाए गए लोगों का वास्तविक आंकड़ा हजारों करोड़ तक जा सकता है. SIT अब उसके क्रिप्टो वॉलेट, डिजिटल ट्रेल, विदेशी फंडिंग और इंटरनेशनल मूवमेंट की गहराई से पड़ताल कर रही है.
कौन है रविंद्र नाथ सोनी?
एक ऐसा ठग जो हर किसी को “गरीब, मासूम, आम आदमी” का किरदार दिखाता था. साधारण पहनावा, नरम भाषा, भरोसा दिलाने वाली बातें- लेकिन पर्दे के पीछे, दुबई में ऑफिस, 5-स्टार होटल मीटिंग्स, करोड़ों की प्रॉपर्टीज़, इंटरनेशनल नेटवर्क और ऊँचे रिटर्न का झांसा देकर विदेशी निवेशकों को फंसाने का खेल. कचौड़ी का ठेला सिर्फ एक मुखौटा था...असली खेल हजार करोड़ की इंटरनेशनल धोखाधड़ी का था.