पूरी रात सुलगता रहा BHU! छात्रों-सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक भिड़ंत, बवाल में करीब 100 छात्र घायल; क्यों छावनी बनी यूनिवर्सिटी?
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में मंगलवार देर रात छात्रों और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों के बीच बड़ा बवाल हो गया. बाइक एक्सीडेंट के विवाद ने देखते-ही-देखते पत्थरबाजी, लाठीचार्ज और तोड़फोड़ का रूप ले लिया. 300 से ज्यादा छात्र और 150 सुरक्षाकर्मी आमने-सामने आ गए, एलडी गेस्ट हाउस के पास गमले तोड़े गए, पुलिस पर भी ईंट-पत्थर फेंके गए. भारी पुलिस बल तैनात है और कैंपस अभी भी तनाव में है. जांच शुरू हो चुकी है.;
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) का शांत परिसर मंगलवार आधी रात अचानक जंग का मैदान बन गया. रात के सन्नाटे में गूंजती चिल्लाहट, ईंट-पत्थरों की आवाज़ और सायरनों की गूंज ने पूरे कैंपस को दहला दिया. एक मामूली दुर्घटना से शुरू हुआ विवाद देखते-ही-देखते 300 छात्रों और 150 सुरक्षाकर्मियों की भिड़ंत में बदल गया. पत्थरबाजी, लाठीचार्ज, तोड़फोड़ दो घंटे तक BHU युद्धभूमि की तरह दिखता रहा. इसमें 100 से ज्यादा छात्र घायल बताए जा रहे हैं.
लेकिन सवाल यह है कि क्या यह गुस्सा सिर्फ एक हादसे पर भड़का था, या लंबे समय से पनप रही छात्र-असंतुष्टि इस रात फट पड़ी? प्रॉक्टोरियल बोर्ड पर दमन और पक्षपात के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. आधी रात हुए इस बवाल ने प्रशासन और छात्रों के बीच की खाई को और गहरा कर दिया है.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
कैसे हुई बवाल की शुरुआत?
पूरे विवाद की जड़ एक बाइक दुर्घटना बताई जा रही है. राजाराम हॉस्टल का एक छात्र किसी वाहन की टक्कर से घायल हो गया. शिकायत के लिए वह प्रॉक्टोरियल बोर्ड पहुंचा, लेकिन यहां से ही कहानी मोड़ लेती है. छात्रों का आरोप है कि सुनवाई करने के बजाय उसे भगा दिया गया, जिससे हॉस्टल में गुस्सा फैल गया. बिरला और अन्य हॉस्टलों से भी छात्र जुट गए और देखते ही देखते मामला उग्र हो गया.
प्रॉक्टोरियल बोर्ड की सिक्योरिटी ने चलाई लाठी
प्रॉक्टोरियल बोर्ड के स्टाफ और छात्रों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि सुरक्षाकर्मियों ने लाठी चलाने की कोशिश की. यही वह चिंगारी थी जिसने पूरे कैंपस को आग की तरह भड़का दिया. कई छात्रों ने दावा किया कि 10 से ज्यादा विद्यार्थी लाठीचार्ज में घायल हुए, जिसके बाद हॉस्टलों से बड़ी संख्या में छात्र बाहर निकल पड़े.
ईंट-पत्थरों से सुरक्षाकर्मियों और पुलिस पर हमला
जैसे ही सुरक्षाकर्मी पीछे हटे, छात्रों ने ईंट और पत्थरों से हमला शुरू कर दिया. प्रॉक्टोरियल बोर्ड के 100 गार्ड और पुलिस के 50 जवान छात्रों को रोकने की कोशिश करते रहे, लेकिन भीड़ काबू से बाहर थी. एलडी गेस्ट हाउस चौराहे पर 20 से ज्यादा सजावटी गमले तोड़ दिए गए. पुलिस की गाड़ियों और बैरिकेडिंग पर भी निशाना साधा गया.
वीसी आवास के बाहर धरना और नारेबाज़ी
घटना के बाद सैकड़ों छात्र वीसी आवास के सामने धरने पर बैठ गए. नारेबाज़ी होती रही, छात्रों ने कहा: “हम पर लाठी चली है, न्याय नहीं मिला है!” उधर, सुरक्षाकर्मी भी दावा कर रहे हैं कि तीन गार्डों के हाथ-पैर में गंभीर चोटें आईं.
‘मुखौटा पहने’ छात्रों की एंट्री
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, कुछ छात्रों ने चेहरा ढककर एक छात्र की पिटाई की थी. उन्हें पकड़कर प्रॉक्टोरियल बोर्ड को सौंपने के बाद माहौल और बिगड़ा. इसके बाद हॉस्टलों से भीड़ निकली और मामला बेकाबू हो गया. यही भीड़ आगे चलकर पुलिस और सुरक्षाकर्मियों पर टूट पड़ी.
कैंपस बना छावनी, पुलिस ने संभाला मोर्चा
हालात काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. मुख्य द्वारों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है. कैंपस में कई जगह पुलिस की अतिरिक्त कंपनियां तैनात हैं. एसीपी भेलूपुर ने बयान दिया कि, “स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता बढ़ा दी गई है.”
क्यों तनाव का केंद्र बना BHU?
BHU में पिछले कुछ समय से प्रशासन और छात्रों में अविश्वास बढ़ा है...
- हॉस्टल सुविधाओं को लेकर असंतोष
- सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
- प्रॉक्टोरियल बोर्ड पर पक्षपात और कठोर व्यवहार के आरोप
इस घटना ने इन सभी तनावों को सतह पर ला दिया.
उच्चस्तरीय बैठक, जांच और आगे क्या?
बीएचयू प्रशासन ने पूरी घटना की जांच शुरू कर दी है. कुलपति ने बुधवार सुबह एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. कैंपस में तनाव अभी भी बरकरार है, और संभावना है कि छात्र संगठन अगले 24 घंटे में बड़ा आंदोलन घोषित कर दें.