राजस्थान में पुलिस की बड़ी लापरवाही, पिता का शव समझकर बेटी ने लावारिस का किया अंतिम संस्कार
सोचिए क्या हो जब आपको पता चले कि आपने अपने पिता के बजाय किसी अज्ञात शख्स का अंतिम संस्कार कर दिया? राजस्थान से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें अदला-बदली के कारण ये सब हुआ.;
कोटा के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी से एक लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने महिला को 5 दिन में दो डेड बॉडी दी गई, जिनमें से एक को मृतक का पिता बताकर दाह संस्कार भी कर दिया. जहां मामला सामने आते ही प्रशासन एक्टिव हो गया और पुलिस जांच में जुट गई.
अब इस मामले में पुलिस ने बताया कि सारी अस्थियां विर्सजित नहीं की गई हैं. ऐसे में डीएनए टेस्ट के जरिए शवों की पहचान की जाएगी. इस मामले में पुलिस का कहना है कि शिनाख्त के बाद ही परिवारवालों को शव सौंपा गया था.
बेहोश मिले थे महावीर
यह बात 14 दिसंबर की है, जब महावीर बूंदी बस स्टैंड पर बेहोशी की हालत में पाए गए. जहां लोग उन्हें बूंदी अस्पताल लेकर गए, जिसके बाद पीड़ित को कोटा रैफर कर दिया गया. 8 दिन बाद यानी 22 दिसबंर को महावीर की अस्पताल में मौत हो गई, जहां उनकी बेटी रामी बाई को उनका शव सौंपा गया. बेटी ने अपने पिता के शव का अंतिम संस्कार किया. इसके बाद 27 दिसंबर के दिन पुलिस ने रामी बाई को कोटा बुलाकर दूसरे शव को उसके पिता बताकर सौंप दिया, जहां दूसरे शव का भी दाह संस्कार कर दिया गया.
कोटा में मिला अज्ञात शव
22 दिसंबर के दिन कोटा की अनंतपुर थाना पुलिस ने एक अज्ञात लाश को कोटा मेडिकल कॉलेज के शवघर में रखवाया था. इसके बाद अगले दिन महावीर की लाश को भी मोर्चरी में रखा गया. जब इस बात की खबर बूंदी पुलिस को मिली, तो वह कोटा के मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी पहुंचे, जहां मृतक के परिवारवालों ने कानूनी कार्रवाई करने से मना कर दिया. जिसके बाद रामी बाई को उनके पिता का शव दिया गया. दूसरी ओर जब 24 दिसबंर के दिन पुलिस लावारिश लाश के अंतिम संस्कार के लिए पहुंची, तो शव गायब था.
परिजनों ने की थी पहचान
इस मामले में पुलिस ने कहा कि जांच जारी है.हालांकि, पंचनामा बनाकर ही कार्रवाई की जाती है. परिजनों ने शव की पहचान की थी. हमने शिनाख्त के बाद ही मृतक के बेटी को शव सौंपा था.