मंत्री जी से सवाल करना पड़ा भारी! काट दिया गया बिजली-पानी का कनेक्शन, ग्रामीणों ने क्या लगाए आरोप?
मीणा ने दावा किया कि उनके ही खिलाफ कार्रवाई की गई क्योंकि उन्होंने मंत्री से सवाल किए थे. उन्होंने बताया कि पीएचईडी (जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग) और बिजली विभाग के अधिकारी उनके घर पहुंचे और कनेक्शन को अवैध बताते हुए काटने का प्रयास किया.;
राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों एक विवाद तेजी से तूल पकड़ रहा है। यहां के गुरदई गांव में कुछ ग्रामीणों द्वारा कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत से पूछे गए सवालों के बाद अगले ही दिन उनके गांव में बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जाने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब मंत्री को शर्मिंदा करने के बदले की भावना से किया गया है.
यह घटना न सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, बल्कि राजनीतिक रंग भी ले चुकी है. शनिवार को राजस्थान सरकार में पशुपालन, डेयरी, गोपालन और देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत पाली जिले के अपने विधानसभा क्षेत्र सुमेरपुर के गुरदई गांव पहुंचे थे. उनका उद्देश्य पंचायत भवन में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करना था.
सवाल के घेरे में आते बौखलाए मंत्री जी
लेकिन वहां पहुंचते ही कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें गांव की दुर्दशा, टूटी सड़कों और खराब बुनियादी सुविधाओं को लेकर सवालों से घेर लिया. ग्रामीणों का आरोप था कि आज तक गांव की सड़कों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है, जिससे गंदगी और कीचड़ की भरमार है. ग्रामीणों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब मंत्री के कुछ समर्थकों और जनप्रतिनिधियों ने बीच-बचाव करते हुए उन्हें यह कहकर चुप कराने की कोशिश की कि 'मंत्री के पास और भी जरूरी काम हैं.' माहौल गरम होते देख मंत्री कुमावत बिना कोई भाषण दिए ही कार्यक्रम स्थल से चले गए. लेकिन ग्रामीणों को अंदाजा नहीं था कि इसके अगले ही दिन उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी.
ज्ञापन लेने से कर दिया था इंकार
रविवार सुबह ग्रामीणों को झटका तब लगा जब बिजली और पानी विभाग की टीमें उनके गांव पहुंच गईं. 23 साल के अधिवक्ता किरण कुमार मीणा, जो शनिवार को मंत्री से सवाल कर रहे थे, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री के सामने सवाल पूछने की सज़ा दी जा रही है. मीणा ने कहा, 'हम सिर्फ मंत्री जी को बताना चाहते थे कि गांव के स्कूल की छत टपक रही है, सीसी सड़क नहीं बनी है और अन्य मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है. हम एक ज्ञापन भी देना चाहते थे, लेकिन मंत्री जी ने ना सिर्फ ज्ञापन लेने से इनकार किया बल्कि हमें कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया.'
अवैध बताकर कटा बिजली-पानी का कनेक्शन
मीणा ने दावा किया कि उनके ही खिलाफ कार्रवाई की गई क्योंकि उन्होंने मंत्री से सवाल किए थे. उन्होंने बताया कि पीएचईडी (जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग) और बिजली विभाग के अधिकारी उनके घर पहुंचे और कनेक्शन को अवैध बताते हुए काटने का प्रयास किया. मीणा का कहना है कि अगर कनेक्शन अवैध है तो नोटिस दीजिए. मेरे घर का पानी का कनेक्शन पिछले पांच साल से है और बिजली का कनेक्शन भी नियमित रूप से बिल चुका कर चल रहा है.'
विरोध करोगे तो जेल जाओगे
मीणा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे और उनके साथी ग्रामीण अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय से हैं, और इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें कांग्रेस समर्थक मान लिया गया, जबकि हम सिर्फ नागरिक हैं और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं जो हमें डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सिखाया है.' उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें पुलिस अधिकारियों ने धमकाया और कहा गया कि अगर मंत्री के सामने विरोध किया तो जेल भेजा जा सकता है.
कांग्रेस नेता ने की आलोचना
मीणा द्वारा शेयर किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. कांग्रेस पार्टी ने भी इसे हथियार बनाकर भाजपा सरकार को घेरा. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'यह भाजपा की तानाशाही है. मंत्री से सवाल पूछने पर ग्रामीणों को पानी और बिजली से वंचित किया जा रहा है.' हालांकि मंत्री जोराराम कुमावत से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. शनिवार को उन्होंने मीडिया को सिर्फ इतना कहा था कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता कार्यक्रम में घुस आए थे और विरोध करने लगे थे. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सफाई और सड़क निर्माण का निर्देश देने की बात कही थी.