चार महीने की उम्र में हुआ था बाल विवाह, 20 साल बाद मिला तालाक; जोधपुर कोर्ट ने सुनाया अनोखा फैसला
जोधपुर में 4 महीने की बच्ची का बाल विवाह कर दिया गया था और अब 20 साल बाद उसे तलाश मिला है. जानकारी के अनुसार जोधपुर की रहने वाली अनीता जब महज 4 महीने की थी तब उसका विवाह कर दिया गया था. अब जब वो बड़ी हो गई तो ससुराल वाले उसे विदा करके ले जाने की बात कर रहे हैं.;
Jodhpur News: हम बेशक 21वीं सदी में जी रहे हैं लेकिन समाज से बाल विवाह की प्रथाएं आज भी देखने को मिलती हैं. भारत के कई गांव में आज भी छोटे लड़की और लड़के का विवाह कर दिया जाता है. कानूनी तौर पर इस तरह के विवाह करना अपराध है, इसके बावजूद हमें बाल विवाद देखने को मिलता है. राजस्थान से ऐसा की एक मामला सामने आया है.
प्रदेश के जोधपुर में 4 महीने की बच्ची का बाल विवाह कर दिया गया था और अब 20 साल बाद उसे तलाश मिला है. जानकारी के अनुसार जोधपुर की रहने वाली अनीता जब महज 4 महीने की थी तब उसका विवाह कर दिया गया था. अब जब वो बड़ी हो गई तो ससुराल वाले उसे विदा करके ले जाने की बात कर रहे हैं.
कोर्ट ने सुनाया फैसला
इस बाल विवाह से मुक्ति पाने के लिए जोधपुर फैमिली कोर्ट नंबर 2 के जस्टिस वरुण तलवार ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने अनीता के इस विवाह को निरस्त कर दिया. वह बचपन से ही इस बाल विवाह की परेशानियों को झेल रही थी. ससुराल पक्ष उस पर लगातार गवना करना कर ले जाना का दवाब बना रहा था. ससुराल पक्ष लड़की और उसके परिवार को धमकियां भी दे रहे थे. इसके बाद सारथी ट्रस्ट ने अनीता के बाल विवाह को रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी.
बाल विवाह पर कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि बाल विवाह सिर्फ कुरीति ही नहीं बल्कि एक अपराध भी है. इससे बच्चों क भविष्य खराब होता है. कोर्ट ने आगे कहा कि बालिका या बालक इस तरह के विवाह को नहीं रखना चाहते तो उनको बाल विवाह रद्द करने का अधिकार है.
बालिका वधु को मिलेगा खर्च
इस मामले में राजस्थान फैमिली कोर्ट ने अनीता को इस बाल विवाह से आजाद कराया. साथ ही कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वो मुकदमेबाजी में अनीता ने जो भी पैसा खर्च किया है, वो उसे दे. इसके लिए सख्त से सख्त आदेश दिया गया है. बता दें कि डॉ. कृति भारती ने मुहिम चलाकर अब तक 52 बाल विवाह को निरस्त कराया है और 52 जोड़ों को अपने मर्जी से रहने का अधिकार दिलाया है. देश में अब तक 2100 से अधिक विवाह रुकवाए गए हैं.