कभी अधिकारी, कभी VIP… फिर बना ‘बुर्कानशीं महिला’! नाबालिग से रेप के बाद हुलिया बदल मथुरा में घूम रहा था दरिंदा
नाबालिग से दुष्कर्म के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी ने ऐसा-ऐसा हुलिया बदला, जिसे सुनकर भी रोंगटे खड़े हो जाएं. कभी वह खुद को अधिकारी बताकर घूमता रहा, कभी VIP बनकर पुलिस की नजरों से बचता रहा और आखिर में काला बुर्का पहनकर, मेकअप कर ‘बुर्कानशीं महिला’ बन मथुरा की गलियों में छिपने लगा.;
कभी वर्दी पहनकर कानून की रखवाली करने वाला इंसान जब खुद हैवानियत की हदें पार कर दे, तो सवाल सिर्फ एक अपराध का नहीं रह जाता, बल्कि पूरे सिस्टम पर उठता है. राजस्थान के धौलपुर में सामने आया यह मामला भी कुछ ऐसा ही है, जहां एक नाबालिग के साथ कथित बलात्कार करने वाला आरोपी कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि एक समय में पुलिस का कॉन्स्टेबल रह चुका शख्स था.
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पहचान छुपाने के लिए कभी वह खुद को अधिकारी बताता, तो कभी वीआईपी. इतना ही नहीं, अब वह बुर्का पहने, होंठो पर लिपस्टिक लगाए और बुर्का पहन वृंदावन में पकड़ा गया.
नौकरी का झांसा देकर किया रेप
आरोपी रामभरोसे उर्फ राजेंद्र सिसोदिया कॉन्स्टेबल रह चुका है. यह घटना 15 दिसंबर की है, जब राजेंद्र ने 16 साल की नाबालिग के साथ रेप किया. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने लड़की और उसके भाई को नौकरी का झांसा देकर अपने घर बुलाया था. जहां अपने गलत इरादे को अंजाम देने के लिए उसने काम के बहाने से लड़की के भाई को बाजार भेज दिया और फिर अकेला पाकर मासूम का बलात्कार किया. हालांकि, इस दौरान बच्ची चीखी-चिल्लाई, तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी भाग निकलने में कामयाब हो गया.
कभी खुद को बताता अधिकारी, तो कभी ट्रैकसूट में VIP
घटना के बाद आरोपी जैसे जमीन में गुम हो गया. गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने लगातार अपनी पहचान बदली. कभी वह ट्रैकसूट पहनकर खुद को किसी वीआईपी जैसा दिखाने की कोशिश करता, तो कभी जैकेट पहनकर खुद को बड़ा अधिकारी बताता.
लिपस्टिक लगाए, बुर्का पहने
हैरानी की बात तब सामने आई जब पुलिस को सूचना मिली कि वह बुर्का पहनकर और लिपस्टिक लगाकर महिला का भेष धारण किए घूम रहा था. कई दिनों की कड़ी मेहनत और तकनीकी निगरानी के बाद आखिरकार पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश के वृंदावन से दबोच लिया.
आरोपी पर कई मामले दर्ज
जांच में सामने आया कि आरोपी पहले भी POCSO एक्ट के एक मामले में नामजद रह चुका था, जिसके चलते उसे RAC से बर्खास्त कर दिया गया था. इसके अलावा उस पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न के कई आरोप पहले से दर्ज हैं. यह घटना सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब कानून की रक्षा करने वाला ही कानून तोड़ दे, तो समाज खुद को कितना असुरक्षित महसूस करता है. इंसान किस हद तक हैवान बन सकता है, इसका डरावना उदाहरण यह मामला बन गया है.