गणतंत्र दिवस पर मान ने उठाया किसानों का मुद्दा, कहा- ट्रैक्टरों का मुंह दिल्ली की बजाए खेतों की तरफ चाहिए
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केंद्र सरकार से अपील की कि वह किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए उनकी बात सुने और उनकी मांगों को स्वीकार करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के किसान आज भी अपनी समस्याओं को हल करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.;
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर पटियाला में ध्वजारोहण करते हुए राज्य के किसानों को 'देश के अन्नदाता' के रूप में संबोधित किया और उनके मुद्दों को लेकर चिंता व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केंद्र सरकार से अपील की कि वह किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए उनकी बात सुने और उनकी मांगों को स्वीकार करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के किसान आज भी अपनी समस्याओं को हल करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्हें धरने देने पड़ रहे हैं, यहां तक कि मरणव्रत जैसे कठोर कदम उठाने पड़ रहे हैं.
भगवंत मान ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि किसानों को दिल्ली बुलाकर उनके मुद्दों पर चर्चा की जाए और उनकी जायज मांगों को स्वीकार किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की खेती के लिए यह महत्वपूर्ण है कि ट्रैक्टरों का मुंह दिल्ली की बजाय खेतों की ओर रहे. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को धरना प्रदर्शन के बजाय अपने खेतों में काम करते हुए देखा जाना चाहिए.
किसानों को धरने पर क्यों मजबूर होना पड़ा
उन्होंने रूरल डवलपमेंट फंड (RDF) के तहत पंजाब के लगभग 5500 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा रोके जाने पर कड़ा विरोध जताया. मुख्यमंत्री ने इसे पंजाब का अधिकार बताते हुए कहा कि केंद्र को इस फंड को जारी करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि पंजाब को अपना हक लेने के लिए अदालत या हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा, तो भी पंजाब इसे छोड़ने वाला नहीं है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर तरनतारन के पुलिस लाइन ग्राउंड में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कृषि व पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया मुख्य मेहमान के रूप में शामिल हुए. राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद मार्च पास्ट और अन्य देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर राहुल कुमार, एसएसपी अभिमन्यु राणा, जिला सेशन जज कंवलजीत सिंह बाजवा और अन्य कई अधिकारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया.
गुरमीत सिंह खुड़िया ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि भारत को आजाद कराने में पंजाबी लोगों ने सबसे अधिक कुर्बानियां दी हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सम्मान देते हैं और उनके आगे सिर झुका कर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.