लव मैरिज की सज़ा! मोगा में मां को पंचायत ने सरेआम पिटवाया, घर से भी निकाला
पंजाब के मोगा जिले के घलकलां गांव में पंचायत के पुराने फरमान के खिलाफ जाकर बेटे द्वारा प्रेम विवाह करने पर एक मां जसबीर कौर को बुरी तरह पीटा गया. पंचायत ने ऐलान किया था कि गांव में कोई प्रेम विवाह करेगा तो उसे गांव में रहने नहीं दिया जाएगा. जसबीर कौर पर शादी की अनुमति देने का आरोप लगाकर सरपंच के पति सुखचेन सिंह और दुल्हन के परिवार वालों ने उन्हें 21 जुलाई को सरेआम पीटा, घर में ताला लगा दिया और महिला को रात सड़क पर बितानी पड़ी.;
Ghalkalan village love marriage case: पंजाब के मोगा जिले के घलकलां गांव में प्रेम विवाह करने वाले युवक की मां को बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है. यह घटना उस समय हुई, जब युवक ने गांव की ही एक युवती से कोर्ट मैरिज की थी, जो गांव की पंचायत के एक पुराने और तानाशाही भरे फरमान के खिलाफ थी. पंचायत का फरमान था कि अगर गांव का कोई युवक या युवती प्रेम विवाह करता है तो उसे गांव में रहने नहीं दिया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, तरसेम सिंह के बड़े बेटे मेलानाथ ने 5 मई को गांव की एक लड़की से कोर्ट में शादी की और दोनों विवाह के बाद गांव छोड़ कहीं और रहने लगे. इसके बाद दुल्हन के परिवार ने ससुराल वालों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. मेलानाथ की मां जसबीर कौर पर आरोप लगा कि उन्होंने इस शादी को सहमति दी थी, जिसके डर से वह दो महीने पहले अपने रिश्तेदारों के घर रहने चली गई थीं.
जसबीर कौर को पीटने के बाद घर पर लगाया ताला
21 जुलाई को जब जसबीर कौर अपने घर लौटीं तो गांव की सरपंच के पति सुखचैन सिंह और लड़की के परिवारवालों ने उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा और उनके घर में ताला लगा दिया. महिला को सड़क पर रात बिताने को मजबूर होना पड़ा. घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और उसे कई बार वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाकर गुहार लगानी पड़ी.
परिवार ने मांगी माफी
परिवार को गांववालों के सामने माफी भी मांगनी पड़ी. जसबीर कौर ने बताया कि उनके परिवार को शादी की कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन लड़की के परिवार ने मान लिया कि वे भी इसमें शामिल थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरपंच के पति सुखचैन सिंह ने गांव के करीब 100 लोगों को जुटाकर उनके साथ मारपीट की.
सुखचैन सिंह ने स्वीकार किया कि गांव में एक प्रस्ताव पास किया गया था, जिसके तहत कोई भी प्रेम विवाह करता है या उसमें मदद करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह मामला न सिर्फ पंचायत के तानाशाही रवैये को उजागर करता है, बल्कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे सामाजिक उत्पीड़न और प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल उठाता है.