पोते से मिलने कनाडा आया था 51 वर्षीय शख्स, स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़ का आरोप; लग गया लाइफटाइम बैन
जगजीत सिंह अंग्रेजी नहीं बोलते थे, इसलिए शायद उन्हें लगा कि कोई कुछ नहीं कहेगा. 16 सितंबर को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पहले उन पर यौन उत्पीड़न और यौन हमले जैसे गंभीर आरोप लगे थे. कुछ घंटों बाद जमानत मिल गई, लेकिन उसी दिन दूसरी लड़की की शिकायत आने पर फिर गिरफ्तार कर लिया गया.;
भारत से कनाडा आए एक 51 साल के शख्स जगजीत सिंह को सार्निया शहर के एक हाई स्कूल के बाहर दो नाबालिग लड़कियों को बार-बार परेशान करने के जुर्म में दोषी ठहराया गया है. अब उन्हें कनाडा से हमेशा के लिए निकाल दिया जाएगा और भविष्य में दोबारा कनाडा आने पर भी पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाएगी. जगजीत सिंह अपने नए जन्मे पोते से मिलने के लिए जुलाई महीने में 6 महीने के टूरिस्ट वीजा पर कनाडा आए थे और सार्निया में ही रुके हुए थे.
विन्निपेग सन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8 से 11 सितंबर के बीच वे बार-बार उसी हाई स्कूल के बाहर बने धूम्रपान करने वाले इलाके में जाते थे. वहां वे छोटी-छोटी स्कूल जाने वाली लड़कियों से बात करने की कोशिश करते थे, उनके साथ जबरदस्ती फोटो खिंचवाने की जिद करते थे और बहुत करीब आकर बैठ जाते थे. एक लड़की ने पहले तो फोटो खिंचवाने से मना कर दिया, लेकिन बाद में सोचा कि फोटो खिंचवा दूंगी तो शायद यह अंकल चले जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ जगजीत सिंह उनके बीच में आकर बैठ गए और फिर से फोटो खिंचवाने लगे. एक फोटो के बाद उन्होंने एक लड़की के गले में हाथ डाल दिया. लड़की को बहुत बुरा लगा, वह डर गई, खड़ी हो गई और उनका हाथ झटक दिया.
यौन उत्पीड़न मामले में हुई गिरफ्तारी
जगजीत सिंह अंग्रेजी नहीं बोलते थे, इसलिए शायद उन्हें लगा कि कोई कुछ नहीं कहेगा. 16 सितंबर को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पहले उन पर यौन उत्पीड़न और यौन हमले जैसे गंभीर आरोप लगे थे. कुछ घंटों बाद जमानत मिल गई, लेकिन उसी दिन दूसरी लड़की की शिकायत आने पर फिर गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत में सुनवाई के दौरान उनके लिए पंजाबी दुभाषिया बुलाया गया. आखिरकार उन्होंने गंभीर आरोपों में खुद को बेकसूर बताया, लेकिन 'आपराधिक उत्पीड़न' (Criminal Harassment) के हल्के आरोप में दोषी मान लिया. जज क्रिस्टा लिन लेस्ज़िंस्की ने साफ कहा, 'आपको उस स्कूल के अंदर या बाहर जाने का कोई हक नहीं था. बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 'सजा के तौर पर उन्हें कुछ दिन जेल में भी रहना पड़ा साथ ही 3 साल की परिवीक्षा (Probation) की सजा सुनाई गई, जिसमें बहुत सख्त शर्तें हैं- दोनों पीड़ित लड़कियों से कोई संपर्क नहीं उनके स्कूल, घर या जहाँ वे जाती हैं, वहां के 100 मीटर के दायरे में भी नहीं जाना. अपने नवजात पोते को छोड़कर 16 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे के पास नहीं जाना. स्कूल, स्विमिंग पूल, पार्क, खेल का मैदान, कम्युनिटी सेंटर वगैरह से 100 मीटर दूर रहना होगा.
दोनों पीड़ितों का बयान
अदालत में दोनों लड़कियों के बयान पढ़े गए एक लड़की ने बताया कि इस घटना के बाद वह बुजुर्ग मर्दों को देखकर डरने लगी है, खासकर सिंह जैसी दिखने वाले (दक्षिण एशियाई) पुरुषों को देखकर उसका दिल जोर-जोर से धड़कता है. दूसरी लड़की ने कहा कि अब वह सार्वजनिक जगहों पर अकेले जाने में भी डरती है और उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया है. कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) के अधिकारी अदालत में ही मौजूद थे. जैसे ही सजा सुनाई गई, उन्होंने जगजीत सिंह को हिरासत में ले लिया. अब वे जल्द से जल्द उन्हें भारत डिपोर्ट कर देंगे सिंह का टिकट तो 30 दिसंबर का था, लेकिन अब वे खुद ही जल्दी भारत वापस जाना चाहते हैं ताकि मामला जल्दी खत्म हो.