अब इस राजधानी में भी भीख मांगने पर लगा बैन, अगर दिया तो आपके खिलाफ होगी FIR

शहर में लगभग 250 भिखारी सक्रिय हैं, जिनकी प्रोफाइल सामाजिक न्याय विभाग द्वारा तीन महीने पहले तैयार की गई थी. ये भिखारी विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान से आए हुए हैं. शहर के प्रमुख चौराहों पर भिखारी सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक शिफ्टों में काम करते हैं.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बढ़ती भिक्षावृत्ति पर नियंत्रण लगाने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के आदेश पर एडीएम सिद्धार्थ जैन ने एक नई व्यवस्था लागू की है. जिसके तहत अब भीख मांगने और देने वाले दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इस आदेश का उद्देश्य शहर में भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाना है.

इसके अतिरिक्त, प्रशासन इस कार्य की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करेगा और एसडीएम स्तर पर फ्लाइंग स्क्वाड तैनात किए जाएंगे. ये प्रमुख चौराहों पर पैट्रोलिंग करेंगे और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे. इन कदमों का उद्देश्य उन क्षेत्रों में भीख मांगने की आदत पर प्रभावी रोक लगाना है, जहां इसकी समस्या अधिक है.

शिफ्टों में काम करते हैं भिखारी

बता दें, शहर में लगभग 250 भिखारी सक्रिय हैं, जिनकी प्रोफाइल सामाजिक न्याय विभाग द्वारा तीन महीने पहले तैयार की गई थी. ये भिखारी विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान से आए हुए हैं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत धारा 163(2) के तहत यह आदेश प्रभावी होगा. अगर कोई भी व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा, तो उसके खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत सजा की कार्यवाही की जाएगी.

शहर के प्रमुख चौराहों पर भिखारी सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक शिफ्टों में काम करते हैं. इन लोगों का मुख्य उद्देश्य नगद राशि प्राप्त करना है, न कि खाने की वस्तुएं. प्रमुख इलाकों में एमपी नगर, रोशनपुरा, न्यू मार्केट, कोलार, बिट्टन मार्केट, पीर गेट, लेक व्यू, व्यापमं चौराहा, शिवाजी नगर और शाहपुरा प्रमुख रूप से प्रभावित हैं.

इंदौर में भीख देने पर हुई एफआईआर

इंदौर में प्रशासन द्वारा भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद, एक वाहन चालक पर एक भिखारी को 10 रुपये देने का आरोप लगा है, जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. प्रशासन ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया. यह इंदौर में एक पखवाड़े के भीतर ऐसा दूसरा मामला है.

भीख देना और लेना है बैन

इंदौर प्रशासन ने शहर को भिखारी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है और इसके तहत भीख मांगने, देने या भिखारियों से किसी प्रकार का सामान खरीदने पर कानूनी प्रतिबंध लगाए गए हैं. बीएनएस की धारा 223 के तहत दोषी व्यक्ति को एक साल तक की कैद या 5000 रुपये तक जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है. प्रशासन की भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है.

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