पैसों के दम पर हिंदू युवतियों को टारगेट करने वाला कांग्रेस पार्षद अनवद कादरी उर्फ डकैत कौन? पढ़ें लव जिहाद क्राइम की कुंडली

मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगा दिया है. हिंदू लड़कियों से जबरन शादी और फिर उन्हें देह व्यापार में धकेलने जैसे संगीन आरोपों के चलते कादरी अब पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है. उस पर लव जिहाद के लिए फंडिंग का मास्टरमाइंड होने का आरोप है.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 3 July 2025 12:23 AM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है. कलेक्टर आशीष सिंह ने यह फैसला शहर की कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया. अनवर पर हिंदू युवतियों का जबरन धर्मांतरण कराने, आपराधिक साजिशें रचने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के गंभीर आरोप हैं.

कौन है अनवर कादरी उर्फ डकैत?

अनवर कादरी इंदौर के सदर बाजार का रहने वाला है और दो बार कांग्रेस पार्षद रह चुका है. उसकी पत्नी भी एक बार पार्षद रह चुकी है. अनवर शहर कांग्रेस का महामंत्री भी रह चुका है. वह लंबे समय से अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है और उसके खिलाफ इंदौर के विभिन्न थानों में 18 मामले दर्ज हैं.

18 गंभीर मुकदमे और 'लव जिहाद' फंडिंग का खुलासा

अनवर कादरी पर हत्या की कोशिश, डकैती, अवैध हथियार, बलवा, जमीन कब्जा, और मारपीट जैसे 18 संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. हाल ही में सामने आए एक केस में आरोप है कि वह मुस्लिम लड़कों को तीन लाख रुपए तक देकर हिंदू लड़कियों से शादी करने और फिर उन्हें देह व्यापार में धकेलने को कहता था.

उज्जैन में डकैती से शुरू हुई 'डकैत' की कहानी

1996 में उज्जैन के महाकाल थाने में दर्ज एक डकैती के केस ने अनवर को 'डकैत' की पहचान दी. इसके बाद वह इंदौर में भी लगातार आपराधिक वारदातों में सक्रिय रहा. उसने इंदौर में घर में घुसकर धमकी देना, मारपीट और जमीन कब्जाने जैसे मामलों को अंजाम दिया.

राजनैतिक रसूख का इस्तेमाल, 3 बार पार्षद

अनवर कांग्रेस से तीन बार पार्षद रह चुका है और एक बार निर्दलीय भी चुनाव लड़ चुका है. उसकी पत्नी भी दो बार पार्षद रह चुकी है. प्रमोद टंडन के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए अनवर को शहर कांग्रेस का महामंत्री बनाया गया था. इस राजनीतिक पकड़ के चलते अनवर लंबे समय तक कानून की पकड़ से बचता रहा. 2009 में एक गवाह पर जानलेवा हमले के मामले में अनवर को एक साल की सजा हुई थी. उसके पास से पिस्तौल, कट्टा, तलवार और चाकू जैसे हथियार भी बरामद किए गए थे.

10 हजार का इनाम, पुलिस की छापेमारी जारी

अनवर इस वक्त फरार है और पुलिस ने उस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है. शहरभर में पुलिस की टीमें उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं. वहीं कांग्रेस इसे राजनीति से प्रेरित साजिश बता रही है. अनवर कादरी के खिलाफ इंदौर, उज्जैन और आसपास के थानों में दर्ज मुकदमों में IPC की धारा 307, 323, 452, 294, 506, 147, 148, 25 Arms Act, मप्र नगर निगम अधिनियम और अन्य गंभीर धाराएं शामिल हैं.

धर्मांतरण का मास्टरमाइंड और 'इनाम योजना'

कादरी पर आरोप है कि वह हिंदू युवतियों से मुस्लिम युवकों की शादी करवाकर उनका धर्म परिवर्तन कराता था. इतना ही नहीं, ऐसे युवकों को कथित रूप से धन व इनाम भी दिए जाते थे. यह पूरी प्रक्रिया एक योजनाबद्ध नेटवर्क की तरह संचालित होती थी, जिसका मास्टरमाइंड अनवर कादरी ही बताया जा रहा है.

NSA यानी रासुका क्यों लगा?

रासुका (NSA) देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा करने वाले व्यक्तियों पर लगाया जाता है. कलेक्टर के आदेश के अनुसार, अनवर की गतिविधियां इंदौर में तनाव और हिंसा की आशंका बढ़ा रही थीं, इसलिए उस पर यह सख्त कानून लगाया गया.

‘डकैत हो या उसका बाप… किसी को नहीं बख्शेंगे’ – सीएम मोहन यादव

सीएम मोहन यादव ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, 'डकैत हो या उसका बाप… प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करेगा. इससे साफ है कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक उकसावे या धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर समझौता नहीं करने वाली.

'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे और प्रदर्शन

28 अप्रैल को कादरी ने अपने समर्थकों के साथ इंदौर में पाकिस्तान का पुतला जलाने का ड्रामा किया था, लेकिन इस दौरान समर्थकों द्वारा ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए, जिससे माहौल और ज्यादा बिगड़ गया. इस पर बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी.

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