कौन हैं IAS ऑफिसर छवि रंजन? SC ने करीब 2 साल बाद दी जमानत, भारतीय सेना की जमीन बेचने का आरोप

Ranchi News: झारखंड के पूर्व डिप्टी कमिश्रर और 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. उन्हें लगभग डेढ़ साल तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद यह राहत मिली है. उन्हें सेना की जमीन की अवैध बिक्री से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था.;

( Image Source:  @iAtulKrishan1, ani )

Who Is IAS Chhavi Ranjan: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व डिप्टी कमिश्रर और IAS ऑफिसर छवि रंजन को करीब डेढ़ साल बाद जमानत दे दी है. रंजन पर रांची के बरगाई क्षेत्र में भारतीय सेना की जमीन की अवैध बिक्री और खरीद में शामिल होने का आरोप है.

शुक्रवार 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं. इससे पहले ईडी कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने रंजन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. आज हम उनके बारे में बताएंगे.

कौन हैं IAS छवि रंजन?

छवि रंजन झारखंड कैडर के 2011 बैच के IAS ऑफिसर हैं. उन्होंने अपनी स्कूलिंग जमशेदपुर के सेंट मेरीज हिंदी हाई स्कूल और विद्याभारती चिन्मय विद्यालय से की. इसके बाद उन्होंने फिजिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की और UPSC की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 125 प्राप्त की.

छवि रंजन ने जुलाई 2020 से जुलाई 2022 तक रांची के डिप्टी कमिश्रर के रूप में कार्य किया. उनकी काम को लेकर उन्हें एक सक्षम और समर्पित अधिकारी माना जाता था, हालांकि मई 2023 में ED ने उन्हें सेना की जमीन की अवैध बिक्री से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया.

छवि रंजन पर आरोप

ED ने छवि रंजन पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी पावर का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेजों के जरिए से जमीन की बिक्री की. छवि रंजन की गिरफ्तारी और जमानत प्रक्रिया ने प्रशासनिक और कानूनी जगत में हलचल मचा दी थी.

इस मामले में कई अन्य आरोपियों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें व्यापारी विष्णु अग्रवाल, राजस्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, ज़मीन डीलर अफजार अली, इम्तियाज खान, तलहा खान, फैयाज खान, मोहम्मद सद्दाम, प्रदीप बागची, अमित अग्रवाल और दिलीप घोष शामिल हैं.

SC शर्तों के साथ दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ छवि रंजन को जमानत दी. कोर्ट ने कहा, हुए उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया है. हालांकि उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना होगा, जिनमें अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी और वे जांच में सहयोग करेंगे. रांची जमीन घोटाले के मामले में एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत मानी जा रही है. अवैध जमीन बिक्री केस में अभी भी जांच हो रही है और रोज नए खुलासे हो रहे हैं.

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