कौन हैं आदित्य साहू? जिन्हें भाजपा ने बनाया झारखंड BJP का कार्यकारी अध्यक्ष
Who Is Aditya Sahu: भाजपा के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू को झारखंड BJP का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया. उन्हें पार्टी की संगठनात्मक जिम्मेदारियां सौंपी जाती रही हैं. उनकी यह नियुक्ति विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले रणनीतिक बदलाव के संकेत देती है.;
Who Is Aditya Sahu: भाजपा के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू को झारखंड BJP का कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई. शुक्रवार 3 अक्टूबर को साहू के नाम की घोषणा की. अब सभी उनको बधाई दे रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के साइन वाले प्रेस रिलीज में एलान किया गया.
आदित्य साहू ने रविंद्र कुमार राय की जगह अपनी जिम्मेदारियां संभाली हैं. साहू को यह जिम्मेदारी उस समय दी गई है, जब पार्टी झारखंड में अपनी संगठनात्मक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रही है. आगे हम साहू के बारे में बताएंगे.
कौन हैं आदित्य साहू?
आदित्य साहू लंबे समय से बीजेपी से जुड़े हैं. उनकी जनता के बीच गहरी पकड़ मानी जाती है. साहू झारखंड के कुचू गांव ओरमांझी के रहने वाले हैं. वर्तमान में भाजपा के राजयसभा सांसद हैं. उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की है. उनके पास M.Com की डिग्री है. राजनीति से पहले साहू एक प्रोफेसर रहे हैं और राम तहल चौधरी कॉलेज, ओरमांझी में 2019 तक बच्चों को पढ़ाया.
राजनीतिक क्षेत्र में साहू की पकड़ मजबूत है. 2022 में वे निर्विरोध रूप से झारखंड से राजयसभा सदस्य चुने गए. उन्हें पार्टी की संगठनात्मक जिम्मेदारियां सौंपी जाती रही हैं. उनकी यह नियुक्ति विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले रणनीतिक बदलाव के संकेत देती है, जिससे पार्टी झारखंड में अपनी स्थिति फिर से बेहतर करने की कोशिश कर रही है. भाजपा राज्य के अगले चुनाव में सत्ता अपने नाम करना चाहती है.
पार्टी ने पोस्ट में किया एलान
पत्र में लिखा था कि रवींद्र कुमार राय के स्थान पर आदित्य साहू को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी. इस कदम के साथ, आदित्य साहू झारखंड में पार्टी मामलों का प्रभार संभालेंगे. वह रवींद्र कुमार राय की जगह लेंगे और राज्य में संगठन को मजबूत करने के लिए जिम्मेदार होंगे.
रवींद्र कुमार राय को क्यों हटाया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविंद्र कुमार राय को इसलिए हटाया गया कि भाजपा को लगा उनके नेतृत्व में पार्टी झारखंड में अपनी स्थिति को मजबूती से नहीं चला पा रही है. पार्टी ने 2024 की विधानसभा चुनावों में हार के बाद संगठनात्मक सुधार और नए उत्साह की जरूरत महसूस की. इसलिए निर्णय लिया गया कि आदित्य साहू को संगठनात्मक विश्वसनीयता और सक्रियता के भरोसे काम सौंपा जाए।