पहले बने हेमंत सोरेन के प्रस्तावक, अब ज्वाइन कर ली बीजेपी, कौन हैं मंडल मुर्मू?
झारखंड में जेएमएम को बड़ा झटका लगा है. सीएम सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू रविवार (3 नवंबर) को रात में देवघर जिले में आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो गए हैं. मंडल मुर्मू ने रविवार को केंद्रीय मंत्री और झारखंड के भाजपा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली.;
Jharkhand Election 2024: झारखंड चुनाव को बस कुछ दिन रह गए हैं. इससे पहले प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के एक खास नेता ने साथ छोड़ दिया है.
सीएम सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू रविवार (3 नवंबर) को रात में देवघर जिले में आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इस खबर से जेएमएम को बड़ा झटका लगा है. इसका प्रभाव चुनाव में भी देखने को मिल सकता है.
मंडल मुर्मू ने थामा BJP का दामन
जानकारी के अनुसार मंडल मुर्मू ने रविवार को केंद्रीय मंत्री और झारखंड के भाजपा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली. बता दें कि मुर्मू अमर सिद्धो-कान्हू के वशंज हैं और हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र भोगनाडीह में परिवार के कई अन्य सदस्य भी रहते हैं.
क्या बोले मंडल मुर्मू?
मंडल मुर्मू ने बीजेपी में शामिल होने के बाद अपना बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं अपने पूर्वजों का नमन करता हूं. मैं अपनी इच्छा से बीजेपी में शामिल हो रहा हूं. हम संथाल परगना में जनसांख्यिकी के संबंध में पहल करेंगे. मुर्मू ने आगे कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में सम्मान नहीं मिल रहा था. इसी कारण से वह बीजेपी में शामिल हुए.उन्होंने कहा कि वह भाजपा की नीति और सिद्धांत से प्रभावित हैं.
कब से था बीजेपी से संपर्क?
इस अवसर पर हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि मंडल मुर्मू काफी दिनों से हमारे संपर्क में थे. बिस्वा ने कहा कि मंडल को बरहेट विधानसभा सीट से बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन मंडल ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जब वो किसी उम्मीदवार का प्रस्तावक बन गए हैं, तो वो चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन बीजेपी में जरूर शामिल होंगे.
JMM का कितना होगा नुकसान?
झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़कर मंडल बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन इससे चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. बरहेट विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन चुनाव लड़ने वाले हैं. इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया 1 नवंबर को वापस लेने की थी. इससे पहले नामांकन पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
कौन है मंडल मुर्मू?
मंडल मुर्मू सिद्धू-कान्हू परिवार में सबसे अधिक पढ़े-लिखे हैं. वह पेशे से इंजीनियर हैं. वह सिद्धू-कान्हू, फूलो-झानो और चांद-भैरव के वंशज हैं. सिद्धू कान्हू संथाल हूल के विद्रोह के लिए जाने जाते थे. 1857 की क्रांति से पहले भी जिसने देश आजादी के लिए अपना बलिदान दिया उनमें सिद्धू कान्हू का नाम भी शामिल है. सिद्धू कान्हू भोगनाडी के रहने वाले थे. झारखंड की राजनीति में यह अहम माना जाता है. कुछ बड़ा होना होता है तो शुरुआत भोगनाडी से ही होती है. अब उनके वंशज मंडल मुर्मू बीजेपी में शामिल हो गए. इससे चुनाव पर असर देखने को मिल सकता है.
झारखंड की राजनीति पर मंडल का प्रभाव
मंडल मुर्मू को भोगनाडीह और आसपास के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवार रूप में जाने जाने की वजह से संथाल परगना की राजनीति में भाजपा मजबूत हो रही है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि छठे पीढ़ी के वंशज हैं. देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले के वंशज आज भाजपा के साथ हैं. उन्होंने कहा कि जब प्रस्तावक ही मुख्यमंत्री को छोड़कर भाग रहे हैं तो आगे क्या होगा समझ सकते हैं.