विधानसभा चुनाव को लेकर EC की कार्रवाई, झारखंड डीजीपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश

झारखंड सरकार को 21 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट देनी है. बता दें, ये निर्णय अनुराग गुप्ता के खिलाफ आयोग द्वारा की गई शिकायतों और कार्रवाई के इतिहास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 19 Oct 2024 6:56 PM IST

चुनाव आयोग ने झारखंड सरकार से अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी के पद से हटाने का निर्देश दिया है. ईसीआई के जारी आदेश में कहा कि कार्यवाहक डीजीपी का पद कैडर में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ डीजीपी स्तर के अधिकारी को सौंपा जाना चाहिए. उम्मीद जताई जा रही है कि अनुराग गुप्ता की जगह नए डीजीपी के रूप में अनिल पालटा या प्रशांत सिंह को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को शाम 7 बजे तक इन निर्देशों का पालन करने को कहा है. साथ ही झारखंड सरकार को 21 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट देनी है. बता दें, ये निर्णय अनुराग गुप्ता के खिलाफ आयोग द्वारा की गई शिकायतों और कार्रवाई के इतिहास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

2019 में भी लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाया था. इसके बाद गुप्ता को एडीजी (विशेष शाखा) झारखंड के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था. उस समय उन्हें दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर के कार्यालय में फिर से नियुक्त किया गया था और चुनाव खत्म होने तक झारखंड लौटने पर रोक लगा दी गई थी.

विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल का आरोप

अनुराग गुप्ता पर राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल होने का भी आरोप है. रघुवर दास जब मुख्यमंत्री थे तब उनके कार्यकाल में उनपर ये आरोप लगा था. इसे लेकर झामुमो और अन्य दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. बताया जाता है कि चुनाव आयोग के आदेश के बाद सारे पदाधिकारियों की रिपोर्टिंग को भी रोक दिया गया है.

इस मामले में रांची के जगन्नाथपुर थाने में उनके खिलाफ 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद 2021 में झारखंड की झामुमो सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 (A) के तहत उनके खिलाफ जांच की अनुमति दी थी. हालांकि बाद में रांची पुलिस ने जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी थी.

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