रांची में विकास को मिलेगी नई रफ्तार, ई-बसें चलाने की है तैयारी; विधानसभा तक जाएगी फोर लेन सड़क
झारखंड की राजधानी रांची को प्रदूषण फ्री और व्यवस्थित बनाने पर जोर दिया जा रहा है. राजधानी में इ-बसे चलेंगी साथ ही फोरलेन सड़क का भी प्रस्ताव दिया गया है. नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार का कहना है कि पहले राधजानी को सही किया जाएगा और उसके बाद अन्य शहरों को देखा जाएगा.;
नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार ने झारखंड की राजधानी रांची को प्रदूषण मुक्त और व्यवस्थित बनाने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि शहर में ई-बसें चलाई जाएं ताकि लोग अपने पर्सनल वाहनों का कम उपयोग करें. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब आम लोगों को हर पांच मिनट पर बस की सुविधा मिलेगी तो इससे प्रदूषण में कमी आएगी और ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी.
मंत्री ने साफ कहा कि पहले राजधानी रांची को संवारा जाए और फिर राज्य के अन्य शहरों के विकास पर ध्यान दिया जाए. साथ ही, विधानसभा के पास फोरलेन सड़क बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है.
सड़क और ई-बस परियोजना
प्रधान सचिव सुनील कुमार ने बैठक में बताया कि सभी शहरी निकायों से सड़क सुदृढ़ीकरण की रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ई-बसों और स्ट्रीट लाइट की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. बैठक में सूडा निदेशक अमित कुमार, डीएमए निदेशक सत्येंद्र कुमार और जुडको के पीडीटी गोपालजी भी थे.
रांची में बस परियोजना का इतिहास
वर्ष 2013 में रांची में लो फ्लोर एसी बसें चलाने की योजना बनी थी, जिसमें 100 बसें चलाने के लिए फंड भी दिया गया था. लेकिन बाद में टेंडर रद्द होने के कारण यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी. अब सरकार ने दो साल पहले 244 नई सिटी बसों की खरीद को मंजूरी दी है. इसमें 200 डीजल नॉन-एसी बसें और 24 एसी इलेक्ट्रिक बसें शामिल होंगी.
प्रधान सचिव ने जानकारी दी कि ग्रेटर रांची डेवलपमेंट एरिया से सटे नया सराय रेलवे क्रॉसिंग रोड के समानांतर नई विधानसभा के पास फोरलेन सड़क बनाने का प्रस्ताव है. इस सड़क के बनने से धुर्वा इलाके से रिंग रोड का सफर आसान हो जाएगा. साथ ही, रांची के आसपास के इलाकों में भवन निर्माण के नियम बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
स्ट्रीट लाइट की निगरानी के लिए डैशबोर्ड की व्यवस्था
मंत्री सुदिव्य कुमार ने रांची की स्थिति को देखते हुए स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को सुधारने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि शहर की कितनी स्ट्रीट लाइट जल रही हैं और कितनी खराब हैं, इसका ब्यौरा तैयार किया जाए. इस काम के लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड बनाया जाएगा.
डैशबोर्ड की मदद से स्ट्रीट लाइट की स्थिति की निगरानी की जा सकेगी. खराब लाइटों की सूचना तत्काल मिल पाएगी और समय पर मरम्मत का कार्य भी संभव हो सकेगा. उन्होंने सुझाव दिया कि स्ट्रीट लाइट को जीपीएस सिस्टम से जोड़कर रिमोट मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी लागू की जाए.