21 लोगों ने फांदी जेल की दीवारें, 17 साल के लड़के की करंट से हुई मौत; चोरी के आरोप में था बंद

17 साल का एक नाबालिग पिछले 4 महीने से जेल में बंद था. वह 21 लोगों के साथ जेल से भागने में फरार हुआ, लेकिन आखिरकार उसकी मौत हो गई. दरअसल, भागने के दौरान लड़के को करंट लग गया था, जिसके चलते वह पूरी तरह से जल गया.;

Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 18 April 2025 2:07 PM IST

पश्चिम सिंहभूम ज़िले के चाईबासा बाल सुधार गृह से हाल ही में 21 कैदियों ने जेल की दीवार फांदी, लेकिन इनमें 17 साल का सोनू पत्रो भी था. वह जमशेदपुर का रहने वाला था. यह कहना गलत नहीं होगा कि उसने यह फैसला लेकर अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती की, क्योंकि उसकी मौत हो गई. सोनू पर चोरी का मामला दर्ज था, जिसके कारण वह चार महीने से हिरासत में था. 

यह मामला एक अप्रैल की सुबह का है, जब भागने के बाद सोनू ने टाटानगर रेलवे स्टेशन के आस-पास छुपने की कोशिश की. इस दौरान कुछ लोगों को उस पर शक हुआ. बिना कुछ जाने-समझे लोगों ने उसे चोर समझकर उसकी पिटाई की और उस जगह से भगा दिया. 

करंट के चलते हुई मौत

भागदौड़ में उसने एक मालगाड़ी को पार करने की कोशिश की, जो कोयले से लदी हुई थी. लेकिन उसे अंदाज़ा नहीं था कि ऊपर दौड़ती वोल्ट की ओवरहेड बिजली लाइन उसका इंतज़ार कर रही थी. एक ज़रा सी चूक और तेज़ करंट की चपेट में आकर उसका शरीर गंभीर रूप से जल गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ज़ख्म इतने भयावह थे कि आखिरकार उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

मां का हुआ बुरा हाल

इस पूरे हादसे के बीच उस सोनू की मां का हाल बेहाल था. उसकी मां की आंखों में केवल आंसू नहीं थे. वह आंखें सवालों से भी भरी हुई थीं. उनका दुःख सिर्फ एक बेटे को खोने का नहीं था, बल्कि एक सिस्टम से लड़ने का भी था. टूटे हुए स्वर में सोनू की मां ने कहा 'अगर मेरे बेटे ने वाकई कुछ गलत किया था, तो उसकी सज़ा अदालत देती, लेकिन क्या उसका इस तरह सड़कों पर मर जाना तय था? 

पुलिस को मिली जीआरपी से जानकारी

चाईबासा के एसडीपीओ बहमन टुटी ने बताया कि उन्हें जीआरपी का फोन आया था, जहां उन्हें सोनू के बारे में बताया गया. इस पर पुलिस का कहना है कि नाबालिग के ऑफिशियल रिकॉर्ड मांगे गए हैं, ताकि सही कार्रवाई की जा सके.


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