केंद्र सरकार ने हरियाणा को दिया झटका, विधानसभा में पास दो बिलों को लौटाया
पहला कानून 'हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023' (हकोका) से जुड़ा हुआ है और दूसरा 'हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल आफ डेड बॉडी बिल 2024' है. अभी तक राज्य सरकार ने इन बिलों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. हो सकता है इन बिलों को दोबारा पेश ही न किया जाए. आइये जानते हैं कि दोनों बिल कौन कौन से हैं.;
हरियाणा सरकार की दो बिलों को केंद्र सरकार ने वापस लौटा दिया है. ये दोनों कानून मनोहर लाल खट्टर की सरकार के समय ही विधानसभा में पास करने के बाद भेजे गए थे. केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के पास भेजने से पहले ही कुछ जरूरी संशोधन का सुझाव दिया है. अब राज्य सरकार इन दोनों बिलों को वापस लेने के बाद इनमें जरूरी बदलाव करेगी, इसके बाद फिर से भेजा जायेगा.
पहला कानून 'हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023' (हकोका) से जुड़ा हुआ है और दूसरा 'हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल आफ डेड बॉडी बिल 2024' है. अभी तक राज्य सरकार ने इन बिलों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. हो सकता है इन बिलों को दोबारा पेश ही न किया जाए. आइये जानते हैं कि दोनों बिल कौन कौन से हैं.
संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023
इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में संगठित अपराधों पर कड़ा नियंत्रण लगाना था. मनोहर लाल खट्टर के सीएम रहते समय इस विधेयक पर विधानसभा में जोरदार बहस हुई थी. कांग्रेस के विधायक शमशेर गोगी के विरोध के बाद सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी थी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे या तो शांति का समर्थन करें या फिर गैंगस्टरों का. इस हंगामे के बाद इसे विधानसभा में पास किया गया था.
ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डैडबॉडी बिल 2024
ये विधेयक धरना, प्रदर्शन या सड़क जाम में शव का उपयोग करने पर 6 महीने से 5 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान करता है. कांग्रेस इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रही थी. कांग्रेस विधायकों आफताब अहमद और बीबी बत्तरा ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि यह विधेयक प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने का प्रयास है. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया था कि सरकार इस कानून के जरिए उन परिजनों को रोकना चाहती है, जो सरकारी तंत्र की लापरवाही से हुई मौतों पर न्याय मांगते हैं. डॉक्टरों का समर्थन होने के बावजूद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल को अलोकतांत्रिक करार दिया था.