आठ पन्नों का सुसाइड नोट! जातिगत अपमान सह रहे थे IPS वाई पूरन कुमार, पत्नी ने डीजीपी और एसपी के खिलाफ की FIR
आईएएस अधिकारी ने अपनी शिकायत में दावा किया कि उनके पति ने उन्हें कई बार बताया था कि डीजीपी कपूर के निर्देशन में उन्हें एक झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची जा रही है.;
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत का मामला अब बड़ा रूप ले चुका है. उनकी पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने पूरे घटनाक्रम को सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि जाति आधारित और प्रशासनिक उत्पीड़न का नतीजा बताया है. अमनीत ने बुधवार रात चंडीगढ़ पुलिस में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमनीत ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पति को लंबे समय से लगातार प्रताड़ित और अपमानित किया जा रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने मजबूर होकर यह कदम उठाया. उन्होंने दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ बीएनएस धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने और तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है.
अमनीत ने अपनी शिकायत में बेहद भावुक शब्दों में लिखा, 'यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है. यह एक अनुसूचित जाति समुदाय के ईमानदार और कर्मठ अधिकारी के साथ सालों से हो रहे अपमान और उत्पीड़न का परिणाम है. हमारे जैसे परिवारों के लिए न्याय केवल होना ही नहीं चाहिए, बल्कि होता हुआ दिखाई भी देना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके पति वाई पूरन कुमार बेदाग ईमानदारी और असाधारण सार्वजनिक भावना वाले अधिकारी थे, लेकिन उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सालों तक सिस्टमिक हैरेसमेंट और जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा.
झूठी FIR के ज़रिए फंसाने की साजिश
आईएएस अधिकारी ने अपनी शिकायत में दावा किया कि उनके पति ने उन्हें कई बार बताया था कि डीजीपी कपूर के निर्देशन में उन्हें एक झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने 6 अक्टूबर 2025 को रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में दर्ज एक एफआईआर (संख्या 0319/2025) का जिक्र किया, जो उनके पति के एक पूर्व कर्मचारी से जुड़ी थी. अमनीत के अनुसार, यह मामला पूरी तरह से झूठा था और पूरन कुमार को फंसाने के लिए बनाया गया था. उनके मुताबिक, इस मामले ने उनके पति को मानसिक रूप से तोड़ दिया. इस लगातार अपमान और दबाव ने उन्हें भीतर से पूरी तरह तोड़ दिया.
मौत से पहले मदद मांगी
अमनीत ने बताया कि मौत से ठीक पहले उनके पति ने डीजीपी कपूर और एसपी बिजारनिया दोनों से संपर्क करने की कोशिश की थी. लेकिन उन्होंने कहा कि डीजीपी ने उनकी बात अनसुनी कर दी और एसपी ने जानबूझकर उनके कॉल का जवाब नहीं दिया. उनका आरोप है कि एसपी बिजारनिया और डीजीपी कपूर आपस में मिले हुए थे और उन्होंने मिलकर उनके पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.
जाति आधारित भेदभाव के आरोप
अमनीत ने यह भी दावा किया कि उनके पति को उनकी एससी पृष्ठभूमि के कारण बार-बार अपमानित किया गया. उन्होंने शिकायत में लिखा, 'उन्हें जाति के आधार पर अपमानित किया गया, पूजा स्थलों से दूर रखा गया और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने बार-बार एससी/एसटी एक्ट के तहत सुरक्षा की मांग की, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रशासनिक और सामाजिक उत्पीड़न किसी भी संवेदनशील अधिकारी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर सकता है.
सुसाइड नोट में दर्ज नाम और पीड़ा
सेक्टर-11 थाने में दी गई शिकायत में अमनीत ने बताया कि उनके पति के कमरे से आठ पन्नों का सुसाइड नोट मिला है. उन्होंने लिखा, 'यह नोट एक टूटे हुए मन का दस्तावेज़ है, जिसमें कई अधिकारियों के नाम हैं जिनकी लगातार प्रताड़ना ने उन्हें इस स्थिति तक पहुंचा दिया. मेरे और मेरे बच्चों ने जो खोया है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. हमने एक पति, एक पिता और एक ईमानदार इंसान को खो दिया, जिसका एकमात्र ‘अपराध’ था उसकी ईमानदारी.' उन्होंने यह भी कहा कि सुसाइड नोट को पुलिस और सीएफएसएल टीम ने बरामद किया है और यह जांच का अहम सबूत है.