गलती करे कोई और भरे कोई! 8 महीने से हरियाणा में कर्मचारियों को नहीं मिल रही है सैलरी, कैसे चलेगा घर?
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की गलती के कारण 1500 युवाओं को सरकारी नौकरी मिलने के बाद भी अपने भविष्य की चिंता सता रही है. पिछले 8 महीने से सिलेक्ट हुए कर्मचारी अपनी ड्यूटी ज्वाइन करते हैं और काम करके वापसी लौटते हैं. लेकिन इस काम का उन्हें अब तक वेतन नहीं मिला. इसके पीछे सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन न होना कारण बताया जा रहा है.;
हरियाणा सिलेक्शन कमिशन ने ग्रुप डी सरकारी भर्ती के दौरान कई लोगों को भर्ती कर लिया था. सिलेक्ट हुए लोगों ने दिन रात मेहनत करते हुए अपनी ड्यूटी पूरी की. लेकिन सिलेक्ट हुए लोगों को उनके काम का वेतन दिया जाएगा या नहीं फिलहाल ये तय नहीं. दरअसल मार्च में ग्रुप डी के तहत भर्ती हुए 1500 युवाओं को हरियाणा सिलेक्शन कमिशन ने सिलेक्ट किया था.
बताया गया कि इन युवाओं का सिलेक्शन स्पोर्ट्स कोटे में हुआ था. लेकिन अब समस्या ये है कि नौकरी मिल चुकी है. पर अब तक कर्मचारियों के पास अब तक वेतन नहीं पहुंचा है. ऐसा इसलिए क्योंकी अब तक सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन नहीं हुई है.
नौकरी मिली, लेकिन काम नहीं आई!
सरकारी नौकरी का सपना दिखाने के बाद अब युवाओं की ऐसी स्थिती है कि उन्हें अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है. इस पर जब संबंधित अधिकारियों से सवाल किया जाता है तो सामने से जवाब मिलता है कि अभी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन होना बाकी है. लेकिन इस बीच कई युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी क्रम में 497 युवां ऐसे हैं जिन्हें ये कहा गया है कि सर्टिफिकेट ग्रेडेशन 2018 से पहले की है, जो पॉलिसी के तहत मान्य नहीं है. अब इस पर कर्मचारियों ने ये दावा किया है कि ये गलती विभाग की है. लेकिन इसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है.
8 महीने से नहीं मिला वेतन
विभाग ने 1500 युवाओं को भर्ती किया लेकिन सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन से पहले ही उनकी ज्वाइनिंग करा डाली. हालांकि ज्वाइनिंग के बाद उनसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव का काम करवा लिया गया है. बताया गया कि पिछले 8 महीने से अधिकारी कार्यालों में अपनी-अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. लेकिन इसका उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है. यानी वेतन नहीं मिल रहा है. क्योंकी इनकी वेरिफिकेशन नहीं हुई है. इसलिए नौकरी भी फिलहाल के लिए सुरक्षित नहीं.
मंत्रियों से लगा रहे वेतन की गुहार
बताया गया कि जिन युवाओं को वेतन नहीं मिला उन्हें अब अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. इस दौरान वह मंत्रियों से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें 8 महीने का वेतन दिलवाया जाए. युवाओं का कहना है कि वह अपने-अपने गांव से किराया लगाकर आते हैं. तब जाकर ड्यूटी ज्वाइन करते हैं.