हरियाणा में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के 5 कारण, इन वजहों से जीती हुई बाजी हारी 'हाथ'
Haryana Election Results 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट ने सभी को हैरान कर रख दिया है. हालांकि, कई ऐसे छोटे-छोटे मुद्दे रहे, जो बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार का कारण बनी. कांग्रेस 40 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी, जबकि बीजेपी बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी में है.;
Haryana Election Results 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट ने एग्जिट पोल के सभी आंकड़ों को गलत साबित कर दिया है. 90 सीटों में से बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर ली है, तो कांग्रेस 37 सीट पर ही अटक गई. हरियाणा चुनाव बेहद दिलचस्प रहा, जहां पार्टियों में बगावत देखने को मिली. यहां 2 सीटों पर INLD और 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. इन आंकड़ों के साथ बीजेपी हरियाणा की सत्ता में हैट्रिक लगाने को पूरी तरह से तैयार है. वहीं कांग्रेस जीती हुई बाजी हार गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक एक्सपर्ट्स ने हार और जीत के कई कारण बताए हैं. वहीं पुराने रिकॉर्ड और चुनावी घटनाक्रम के आधार पर भी कई वजहें सामने आई है. कांग्रेस 40 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी. इसे लेकर पार्टी में भी हार पर मंथन की जानी है. वहीं, बीजेपी भी आने वाले समय से लिए जीते और हारे हुए सीट पर मंथन करेगी. हालांकि, इस चुनावी परिणाम में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का स्वाद चखना पड़ा है.
कांग्रेस की हार के 5 कारण-
- कांग्रेस ने कई मुद्दों जैसे- किसान, पहलवान और अग्निवीर बीजेपी को घेरने की कोशिश की, लेकिन इन सबको पार करते हुए बीजेपी ने हर मोर्चे पर खुद को डिफेंड किया और कांग्रेस के ये मुद्दे जनता पर बेअसर साबित हो गई.
- हरियाणा में कांग्रेस की पूरी कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास के पास था, जिसमें टिकट बंटवारे से लेकर पार्टी की रणनीति तय करने जैसे कदम थे. ऐसे में पार्टी के कई दिग्गज नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक में नाराजगी देखने को मिली.
- कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण पार्टी की अंदरूनी कलह बताई जा रही है, जहां सीएम पद को लेकर जीत से पहले ही तनाव देखने को मिल रहा था. कुमार सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को तकरार को भी पार्टी के लिए नुकसानदायक बताया गया. कुमार सैलजा के पास चुनाव नहीं लड़ने का भी दर्द था.
- चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कास्ट गेम खेलने में भी कांग्रेस असफल रही. प्रचार के दौरान पार्टी का पूरा फोकस जाट वोट रहा, जबकि इस दौरान वह बाकी जातियों से कटी हुई दिखी. वहीं ओबीसी और दलितों को वोट को बटोरने में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली.
- घोषणा पत्र जारी करने के बाद भी कांग्रेस वोटर्स का भरोसा नहीं जीत सकी. माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के वादे पूरे नहीं कर पा रही है, ऐसे में कांग्रेस की इमेज घोषणा पत्र को लेकर खराब हुई है.
बीजेपी की जीत के 5 कारण-
- बीजेपी हरियाणा में कास्ट गेम खेलने में सफल रही, जहां पार्टी ने जाट समेत ओबीसी और दलितों वोटरों को भी अपने पाले में किया. वहीं जाट सीट पर बीजेपी निर्दलीय उम्मीदवारों से फायदा मिलता दिखा.
- बीजेपी ने चुनाव से पहले सीएम बदलकर एंटी इनकम्बेंसी को दूर कर बड़ा दांव खेला था. चेहरे बदलने के साथ ही एक्सपर्ट्स का मानना था कि पार्टी ने राज्य में होने वाले चुनाव को लेकर अपनी जीत का रास्ता साफ कर लिया है.
- बीजेपी संगठन के निचले स्तर पर काम करने के लिए जानी जाती है, जो कि हरियाणा चुनाव में देखने को मिला है. कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बिठाकर बीजेपी ने चुनाव में अपनी जीत का रास्ता साफ किया.
- JJP से अलग होना भी बीजेपी की जीत का एक बड़ा कारण माना जा रहा है. पार्टी को लेकर जनता खुश नहीं थी और यही कारण रहा कि इस चुनाव में एक सीट भी हासिल नहीं हो सकी.
- माना जा रहा है कि अग्निवीर मुद्दे पर खुद को डिफेंड करने में कामयाब हुई और अग्निवीर के लिए सरकारी नौकरी और पेंशन का वादा कर बड़ा गेम खेला. इससे बीजेपी को काफी फायदा मिला, क्योंकि हरियाणा से डिफेंस सेक्टर में युवाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है.