इश्क़ का खौफनाक End! GF से मिलने गया लड़का, लापता होने पर प्रेमिका ने भेज दी मौत वाली जगह की लोकेशन; देखा तो...
फरीदाबाद रोड पर खुशबू चौक के पास जंगल जैसी सुनसान जगह पर 22 साल के राकेश मंडल का क्षत-विक्षत शव मिला. सिर दुपट्टे के जरिए पेड़ से लटका था और शरीर के हिस्से इधर-उधर बिखरे पड़े मिले. पुलिस की शुरुआती थ्योरी आत्महत्या और जंगली जानवरों द्वारा शव को नुकसान पहुंचाना है. लेकिन परिजन इसे साफ तौर पर हत्या मान रहे हैं.;
गुरुग्राम के फरीदाबाद रोड पर खुशबू चौक के पास एक सुनसान इलाके में 22 वर्षीय युवक का शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. बताया गया कि मृतक का सिर दुपट्टे से पेड़ पर लटका था, जबकि घटनास्थल के आसपास शरीर के कई टुकड़े भी बिखरे हुए मिले. मृतक के पैर और हाथ भी अलग-अलग पाए गए.
पुलिस ने इस मामले में आत्महत्या की कार्रवाई की है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक युवक ने जंगल में दुपट्टे से फांसी लगाकर खुदकुशी की है, और जंगली जानवरों ने शव को क्षत-विक्षत कर दिया. मामले की जांच जारी है.
कौन है राकेश मंडल?
राकेश मंडल मूल रूप से बिहार का रहने वाला था. रोज़ी-रोटी के लिए वह दिल्ली में रह रहा था और गुरुग्राम में राजमिस्त्री का काम करता था. 1 अगस्त को वह दिल्ली से गुरुग्राम आया और 3 अगस्त को अपनी एक करीबी महिला मित्र से मिलने गया. इसके बाद से वह लापता हो गया.
परिजनों की शिकायत और पुलिस पर सवाल
परिवार का कहना है कि 3 अगस्त के बाद जब राकेश घर नहीं लौटा तो उन्होंने उसकी खोजबीन शुरू की. उसकी लोकेशन लड़की से लेकर पुलिस तक पहुंचे, लेकिन कथित तौर पर किसी ने गंभीरता से मामला नहीं लिया. परिजन का आरोप है कि स्थानीय थानों ने कार्रवाई में ढिलाई बरती. आखिरकार राकेश का शव खुद रिश्तेदारों को जाकर बरामद करना पड़ा. यह स्थिति पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े करती है कि आखिर कई दिन तक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद युवक की खोज में तत्परता क्यों नहीं दिखाई गई.
डिजिटल सुरागों से बढ़ा शक
इस पूरे मामले में सबसे अहम मोड़ डिजिटल दुनिया से जुड़ा है. परिजनों का दावा है कि अगस्त के पहले हफ्ते से लापता होने के बावजूद राकेश के सोशल मीडिया अकाउंट से संदेश आते रहे. इतना ही नहीं, 23 अगस्त को उसके फेसबुक अकाउंट का नाम बदलकर बिक्की कुमार कर दिया गया. यह तथ्य आत्महत्या की थ्योरी के उलट गंभीर सवाल खड़ा करता है कि लापता या मृतक व्यक्ति की आईडी कौन चला रहा था? क्या यह हत्या और उसे छुपाने की साजिश का हिस्सा हो सकता है?
रिश्तों की उलझन और शक की परछाईं
राकेश से पूछताछ में सामने आया कि वह पिछले पांच सालों से एक लड़की के साथ रिश्ते में था. 3 अगस्त को वह उससे मिलने गया और फिर गायब हो गया. लड़की ने पुलिस को बताया कि मुलाकात के बाद राकेश चला गया था. हालांकि, परिजनों का आरोप है कि राकेश को साजिश के तहत बुलाकर हत्या की गई. ऐसे में पुलिस के लिए यह जांच ज़रूरी हो जाती है कि मृतक और लड़की के रिश्तों में कोई विवाद तो नहीं था और क्या लड़की के परिवार की इसमें कोई भूमिका हो सकती है.
आत्महत्या या हत्या-उलझी गुत्थी
पुलिस की शुरुआती जांच आत्महत्या की ओर इशारा करती है. SHO राजेश बागड़ी के मुताबिक, शव की दशा जंगली जानवरों के हमले से बिगड़ी. लेकिन परिजनों का कहना है कि किसी भी इंसान का शव उस तरह से बिखरा हुआ नहीं मिल सकता जैसा उनके बेटे का मिला. यही नहीं, उनका तर्क है कि आत्महत्या के लिए लड़की का दुपट्टा क्यों इस्तेमाल किया गया और तीन हफ्ते तक शव उस हालत में जंगल में कैसे पड़ा रहा.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिलेंगे जवाब
फिलहाल राकेश का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है. पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद अगर संदिग्ध पहलू सामने आते हैं तो धारा बदलकर हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा. यानी इस समय जांच आत्महत्या की दिशा में आगे बढ़ रही है लेकिन परिजन पूरी तरह से हत्या के अपने आरोपों पर कायम हैं.
पुलिस की भूमिका पर बढ़ते सवाल
यह केस सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी बड़ा सवाल उठाता है. परिजनों ने बताया कि उन्होंने लगातार गुहार लगाई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. आखिरकार शव उन्हें खुद तलाशना पड़ा. यह दिखाता है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामलों से जुड़े प्रोटोकॉल और संवेदनशीलता पर पुलिस को और गंभीरता अपनाने की ज़रूरत है.