लॉकअप, पार्किंग और कैंटीन, 2.5 एकड़ के इस फार्महाउस को ED ने बनाया अपना दफ्तर

गुरुग्राम में ईडी ने अपने कार्यालय को फार्महाउस को दफ्तर बना लिया है. इस दफ्तर में कई तरह की सुविधाएं जैसे बड़ा लॉन, कैंटीन, डबल लॉक अप, पूछताछ के लिए एक अलग जगह भी शामिल है. इस फार्महाउस पर 100 से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 4 Oct 2024 11:56 AM IST

हरियाणाः राजधानी दिल्ली में अतुल बंसल नाम के रियल एस्टेट एजेंट के एक फार्महाउस अब ईडी का कार्यालय बन चुका है. इस कार्यलय से ईडी कई तरह के कार्यों को चलाती है.

इस फार्महाउस को उन्होंने 2004 में खरीदकर 2012 में उन्होंने यह संपत्ति 2004 में खरीदी थी और 2012 में उन्होंने अन्य परिसंपत्तियों के साथ इसे बैंकों के एक संघ के पास 111 करोड़ रुपये में गिरवी रख दिया था.

फार्महाउस से चला रही ईडी कार्यालय ?

इस फार्महाउस के सामने वाली वाली बिल्डिंंग से ईडी अपना कार्यालय चला रही है. वहीं इस कार्यालय में दिखाई दे रहे ED में D अक्शर काफी तेजी से फीका पड़ता दिखाई दे रहा है. इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक फार्महाउस के अंदर की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है. खाली स्विमिंग पूल समेत लॉन की जगह भी ईडी इस्तेमाल कर रही है.

लॉकअप पूछताछ केंद्र ऐसा बन चुका अब फार्महाउस

ईडी ने इस फार्महाउस के अंदर ही एक डबल लॉक-अप और पूछताछ के लिए भी एक जगह निर्मित की है. खाली पड़ी जगहों को सरकारी फर्नीचर को फेंकने के लिए किया जा रहा है. एक समय में यहां एक आलीशान खाना खाने की जगह हुआ करती थी. लेकिन अब उसकी जगह वहां कैंटीन हैं जहां ईडी के कर्मचारी अब अपना भोजन खाया करते हैं.

इन दो सालों में दक्षिणी दिल्ली स्थित राजोकरी ग्रीन्स में फार्म नंबर 22, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय के रूप में कार्य करता है. इस फॉर्महाउस को बैंक द्वारा उस समय जब्त किया गया था जब अतुल बंसल नाम के रियल एस्टेट एजेंट को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया था. अब 100 से अधिक कर्मचारी इसी फार्महाउस से अपना काम संचालित करते हैं.

इस तरह किया जाता लॉन का इस्तेमाल

फॉर्महाउस के लॉन को ईडी जब्त की गई कारों को रखने और पार्किंग की तरह इस्तेमाल करने के रूप में करती है. गुरुवार को भी यहां 40 कारें आईं. ये कारें बिल्कुल मामूली नहीं हैं. इनकी कीमत भी करोड़ो रुपये से भी कई अधिक हैं. इस पर अधिकारियों का भी कहना है कि जब अपराध में जब्त की गई महंगी कारों को पार्क करने की जगह कम पड़ जाती है तो वे उन कारों को राजोकारी में इस बड़े ईडी के कार्यालय में लेकर के आते ैहं.

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