कौन है Indian Navy का कर्मचारी विशाल यादव जो जासूसी के आरोप में हुआ गिरफ्तार? पाकिस्तानी ISI के लिए करता था काम

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को नौसेना हेडक्वार्टर की संवेदनशील सूचना लीक करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा ने विशाल यादव को गिरफ्तार किया. जांच एजेंसी के अफसर आरोपी की कुंडली खंगालने में जुटे हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि वह ऑनलाइन गेमिंग का आदी था. इसमें होने वाले घाटे की भरपाई इसी से करता था.;

Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 26 Jun 2025 9:44 AM IST

दिल्ली स्थित भारतीय नौसेना मुख्यालय में तैनात एक कर्मचारी (क्लर्क) को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया. आरोपी क्लर्क पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप है. वह सालों से यह काम कर रहा था. 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भी ऐसा करने से बाज नहीं आया. विशाल यादव को इंटेलिजेंस द्वारा महीनों की निगरानी के बाद राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा ने गिरफ्तार किया.

राजस्थान पुलिस ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत उसे गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी सीआईडी इंटेलिजेंस राजस्थान द्वारा लंबे समय तक निगरानी के बाद हुई, जो पाकिस्तान से जुड़ी संदिग्ध जासूसी गतिविधि की निगरानी कर रही थी.

कौन है विशाल यादव?

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले कर्मचारी की पहचान विशाल यादव के रूप में हुई है. वह मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला है. नौसेना मुख्यालय में बतौर क्लर्क काम करता है. आरोपी विशाल यादव अपर डिवीजन क्लर्क (यूडीसी) है और रेवाड़ी (हरियाणा) के पुंसिका का रहने वाला है. विशाल यादव ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था.

जासूसी के बदले लिए पैसे

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विष्णुकांत गुप्ता ने बताया कि राजस्थान की सीआईडी इंटेलिजेंस यूनिट लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा की जा रही, जासूसी पर नजर रखी हुई थी. प्रिया शर्मा नाम की महिला कथित तौर पर रणनीतिक महत्व की गोपनीय जानकारी निकालने के लिए उसे पैसे दे रही थी.

ऐसे हुआ खुलासा

विशाल यादव के सेलफोन से मिले डेटा से पता चला है कि उसने पैसे के बदले में नौसेना और अन्य रक्षा इकाइयों से जुड़ी गोपनीय जानकारी एक महिला को दी थी, जो उसकी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की हैंडलर थी. विशाल यादव सोशल मीडिया के जरिए लगातार उससे संपर्क में था.

पूछताछ के दौरान उसने जांच अधिकारियों बताया कि उसे अपने नुकसान की भरपाई के लिए पैसे की जरूरत थी. अधिकारी ने बताया कि उसे क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट और सीधे उसके बैंक खातों में पैसे मिल रहे थे.

खुफिया अधिकारियों की लोगों से बड़ी अपील

विशाल यादव फिलहाल हिरासत में है. संवेदनशील जानकारी लीक करने को लेकर उससे पूछताछ जारी है. इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने लोगों से सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधि के प्रति सतर्क रहने और तुरंत इसकी सूचना देने की सभी से अपील की है.

Full View

Similar News