MCOCA क्या है, जिसके तहत AAP MLA नरेश बालियान को किया गया गिरफ्तार? जानें इसकी पूरी हिस्ट्री

What Is MCOCA: दिल्ली से AAP विधायक नरेश बालियान को मकोका के तहत गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मकोका क्या है, यह कब लागू हुआ था और इसके प्रावधान क्या-क्या हैं. आइए, इस रिपोर्ट में अब इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं...;

( Image Source:  ANI )

What Is MCOCA: आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान (AAP MLA Naresh Balyan) को पिछले हफ्ते मकोका यानी महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (Maharashtra Control of Organised Crime Act) के तहत गिरफ्तार किया गया. इसके बाद उन्हें 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस के मुताबिक, बालियान का नाम गैंगस्टर कपिल सांगवान द्वारा एक व्यवसायी से की गई जबरन वसूली की मांग को निपटाने में कथित तौर पर मददगार के रूप में सामने आया है.

गैंगस्टर के खिलाफ भी इस साल जबरन वसूली को लेकर सख्त कानून लगाया गया था. यह गैंगस्टर इस समय ब्रिटेन से काम कर रहा है. इस पूरे मामले में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि मकोका क्या है और महाराष्ट्र का कानून दिल्ली में क्यों लागू है... आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं...


क्या है मकोका?

बात 1999 की है. महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. अंडरवर्ल्ड की हुकूमत मुंबई में चलती थी. इसे देखते हुए सरकार ने मकोका को लागू किया. यह भारत में संगठित अपराध को रोकने के लिए लाया गया पहला कानून था. इसके बाद कई राज्य विधानसभाओं ने मकोका जैसे कानून बनाए. हालांकि, इनमें से कई कानून राष्ट्रपति की मंजूरी न मिलने की वजह से लागू नहीं हो पाए. दिल्ली में मकोका को 2002 में अपनाया गया था.


उत्तर प्रदेश ने खुद का बनाया कानून

'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, गुजरात और कर्नाटक में ऐसे कानून हैं, जो राज्य में संगठित अपराध को रोकते हैं. गुजरात में गुजरात आतंकवाद और संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (GCTOC) है, जबकि कर्नाटक में कर्नाटक संगठित अपराध अधिनियम (KCOCA) है... हरियाणा ने 2023 में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 पारित किया. राजस्थान ने भी इसी साल राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक पेश किया. उत्तर प्रदेश का संगठित अपराध को नियंत्रित करने का अपना कानून है, जिसे उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम)अधिनियम 1986 कहा जाता है.


मकोका में क्या प्रावधान किए गए हैं?

मकोका के तहत संगठित अपराध से मतलब किसी व्यक्ति द्वारा अकेले या मिलकर संघटित अपराध सिंडिकेट के सदस्य के रूप में या ऐसे सिंडिकेट की ओर से, हिंसा या हिंसा की धमकी, धमकी, जबरदस्ती या अन्य गैरकानूनी तरीकों का उपयोग करके आर्थिक लाभ प्राप्त करने, खुद के लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए अनुचित आर्थिक या अन्य लाभ प्राप्त करने या उग्रवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी रखने वाली किसी भी गैरकानूनी गतिविधि से है. संगठित अपराध सिंडिकेट को दो या दो से अधिक व्यक्तियों के समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो अकेले या सामूहिक रूप से एक गिरोह के रूप में काम करते हैं और संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं.


सतत गैरकानूनी गतिविधि क्या है?

सतत गैरकानूनी गतिविधि वह है, जिसमें पिछले 10 साल से एक से अधिक आरोप पत्र दाखिल किए गए हों, जिसमें संगठित अपराध को बढ़ावा देना या संगठित अपराध करने की साजिश करना शामिल हो सकता है. इसके अलावा, जारी गैरकानूनी गतिविधि में सिंडिकेट की तरफ से किए गए अपराधों को छिपाना या छिपाने का प्रयास करना और सिंडिकेट के धन से अर्जित किसी भी संपत्ति को रखना भी शामिल है.


मकोका अधिनियम की धारा 18 के तहत पुलिस अधिकारी के सामने दिए गए कुछ इकबालिया बयानों को भी ध्यान में रखा जाता है. इस बयान की स्वैच्छिक प्रकृति, बयान दर्ज करने की प्रक्रियागत आवश्यकताएं और मुकरने सहित अन्य पहलुओं जैसे कारकों पर केवल मुकदमे के चरण में ही विचार किया जा सकता है.





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