लाल किला ब्लास्ट: इतनी भयानक थी तबाही कि लाश टंगी मिली पेड़ पर, दिल्ली की रात गूंज उठी चीखों से! पढ़ें Updates

दिल्ली की शाम 10 नवंबर 2025, वह पल जिसे कोई भी भूल नहीं पाएगा. लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास अचानक आसमान को चीरती आवाज़ गूंजी, और एक पल में सबकुछ आग के समंदर में बदल गया. एक हुंडई i20 कार फटी नहीं- फटकर जैसे राख बन गई. आंख झपकते ही लपटों ने सड़क, हवा और ज़िंदगी सब निगल ली.;

( Image Source:  ANI )
By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 11 Nov 2025 3:31 PM IST

दिल्ली की शाम 10 नवंबर 2025, वह पल जिसे कोई भी भूल नहीं पाएगा. लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास अचानक आसमान को चीरती आवाज़ गूंजी, और एक पल में सबकुछ आग के समंदर में बदल गया. एक हुंडई i20 कार फटी नहीं- फटकर जैसे राख बन गई. आंख झपकते ही लपटों ने सड़क, हवा और ज़िंदगी सब निगल ली. 50 मीटर के दायरे में चीखें, धुआं और तबाही थी. अब इस दिल दहला देने वाली घटना में पेड़ पर लटकी एक लाश मिलने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. यह कोई फिल्मी सीन नहीं था… बल्कि दिल्ली के दिल में हुआ वो धमाका, जिसने पूरी राजधानी को सन्न कर दिया.

शाम 6:55 - लाल किला मेट्रो के बाहर मौत का गोला फटा

सोमवार शाम ठीक 6:55 बजे, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी एक i20 कार अचानक धमाके से फट गई. आवाज़ इतनी जोरदार थी कि आसपास खड़े लोगों के कान सुन्न पड़ गए. 5 से 10 किलो हाई-इंटेंसिटी विस्फोटक के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है. धमाके के बाद चारों ओर आग की लपटें फैल गईं — मेट्रो स्टेशन के शीशे टूट गए, गाड़ियां धूं-धूं कर जलने लगीं और सड़क पर अफरातफरी मच गई.

हवा में उड़ा इंसान, पेड़ पर मिली लाश

इस विस्फोट की तीव्रता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि एक व्यक्ति का शरीर हवा में उछलकर करीब 30 फीट दूर एक पेड़ की शाखा पर जा फंसा. जांच एजेंसियों को यह शव अगले दिन सुबह मिला. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी कुछ पल के लिए जड़ हो गए. किसी ने ऐसा नज़ारा पहले कभी नहीं देखा था. अब मृतकों की संख्या 10 हो गई है.

50 मीटर तक तबाही का दायरा

ब्लास्ट ने पूरे इलाके का नक्शा बदल दिया. दीवारें दरक गईं, गाड़ियां राख हो गईं, और आसपास की दुकानों के शीशे बिखर गए. पास के मंदिर की खिड़कियां चकनाचूर हो गईं. लोग धुएं और चिंगारियों के बीच जान बचाकर भागते रहे- कोई गिरा, कोई जला, कोई बस भागता चला गया.

“पूरा इलाका हिल गया… लगा जैसे धरती फट गई”

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि “पूरा इलाका हिल गया… लगा जैसे धरती कांप रही हो.” कई लोग रोते हुए बता रहे थे कि उन्हें बस एक चमकती आग की लकीर और कान फोड़ने वाली आवाज़ याद है. किसी को पता ही नहीं चला कि कौन जिंदा बचा और कौन नहीं.

DNA से हो रही शवों की पहचान

धमाका इतना तीव्र था कि कई शव बुरी तरह झुलस गए. सिर, हाथ और धड़ अलग-अलग जगहों पर मिले. पुलिस और फॉरेंसिक टीमें अब DNA टेस्ट के ज़रिए मृतकों की पहचान करने में जुटी हैं. घायलों को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है.

जांच में सामने आया पेड़ पर लटका शव

मंगलवार सुबह जब NDRF और फॉरेंसिक टीमें सबूत तलाश रही थीं, तभी एक अधिकारी की नज़र ऊपर गई — पेड़ की ऊंची शाखा पर एक शव लटक रहा था. शव को नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. एजेंसियों का मानना है कि यह वही व्यक्ति हो सकता है जो विस्फोट की ताकत से हवा में उछल गया था.

NIA को सौंपी गई जांच, आतंकी मॉड्यूल की आशंका

गृह मंत्रालय ने इस भीषण विस्फोट की जांच NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंप दी है. शुरुआती जांच में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर जैसे विस्फोटकों के साक्ष्य मिले हैं. एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि क्या इसका संबंध फरीदाबाद मॉड्यूल या किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से है.

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