दो साल की मासूम के साथ डिजिटल रेप, दिल्ली POCSO कोर्ट का सख्त फैसला; अब 25 साल तक सलाखों के पीछे रहेगा आरोपी
आरोपी कोई अनजान व्यक्ति नहीं था; वह पीड़िता के पापा का परिचित था. उसने बच्ची के साथ घर में ही यह घिनौना अपराध किया. अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को निहाल विहार थाने में FIR दर्ज हुई और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.;
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में स्थित विशेष POCSO कोर्ट ने एक बेहद दर्दनाक और हैरान करने वाला फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सिर्फ दो साल की मासूम बच्ची के साथ 'डिजिटल दुष्कर्म' (यानी उंगलियों से बलात्कार) करने के जुर्म में 30 साल के आरोपी को पूरे 25 साल की कठोर कैद (RI) की सजा सुना दी है. साथ ही कोर्ट ने पीड़िता बच्ची को 13.5 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है. यह दिल दहला देने वाली घटना इसी साल दिवाली से ठीक एक दिन पहले, यानी 19 अक्टूबर 2025 की रात की है.
आरोपी कोई अनजान व्यक्ति नहीं था; वह पीड़िता के पापा का परिचित था. उसने बच्ची के साथ घर में ही यह घिनौना अपराध किया. अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को निहाल विहार थाने में FIR दर्ज हुई और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. सबको हैरानी में डाल देने वाली बात यह है कि इस बेहद संवेदनशील मामले में पुलिस ने रिकॉर्ड समय में जांच पूरी की और महज कुछ दिनों में ही चार्जशीट कोर्ट में जमा कर दी. उसके बाद कोर्ट ने भी गजब की तेजी दिखाई पूरा ट्रायल सिर्फ 9 दिन में पूरा कर लिया गया.
एक महीने के अंदर ही सजा सुना दी गई
19 नवंबर को कोर्ट ने आरोपी को POCSO एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया और ठीक अगले दिन यानी 20 नवंबर को सजा का ऐलान कर दिया. यानी FIR से सजा तक का पूरा मामला सिर्फ एक महीने में निपट गया यह अपने आप में एक मिसाल है.
जज साहिबा ने क्या कहा?
एडिशनल सेशन जज बबीता पुनिया ने फैसला सुनाते हुए इस अपराध को 'अत्यंत जघन्य और घृणित' बताया. उन्होंने साफ कहा कि कानून के नजरिए से उंगली से किया गया दुष्कर्म और लिंग से किया गया दुष्कर्म दोनों में कोई फर्क नहीं है. दोनों ही समान रूप से गंभीर अपराध हैं. इसलिए आरोपी को कोई रियायत नहीं दी जा सकती. जज महोदया ने आगे कहा, 'दिवाली का त्योहार रोशनी और खुशी का प्रतीक होता है, लेकिन इस शख्स ने नशे की हालत में एक मासूम दो साल की बच्ची की जिंदगी हमेशा के लिए अंधेरे में धकेल दिया. वह बच्ची अपने ही घर में, सबसे सुरक्षित जगह पर थी, लेकिन इस हैवान ने उसी घर को उसके लिए डर और दर्द की जगह बना दिया. ऐसा व्यक्ति कभी दया का हकदार नहीं हो सकता.
25 साल तक जेल में सड़ेंगे दोषी
अब यह आरोपी अगले पूरे 25 साल तक जेल की सलाखों के पीछे रहेगा और कठोर कैद की सजा भुगतेगा. कोर्ट ने उसे कोई राहत नहीं दी. साथ ही पीड़िता बच्ची के इलाज, पढ़ाई-लिखाई और भविष्य के लिए 13.5 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है.