दिल्ली में 40-50 साल की उम्र के हैं 235 उम्मीदवार, 29 उम्मीदवार हैं अंगूठा छाप; क्या कहती है ADR की रिपोर्ट?
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली चुनाव में 46% उम्मीदवार कक्षा 5-12 तक पढ़े हैं और 29 निरक्षर हैं. 699 उम्मीदवारों में 41-50 आयु वर्ग के सबसे अधिक हैं. स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट धारक भी शामिल हैं. मतदान 5 फरवरी और मतगणना 8 फरवरी को होगी.;
दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. रिपोर्ट के अनुसार, 699 उम्मीदवारों में से 46% की शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5वीं से 12वीं तक ही सीमित है, जबकि 29 उम्मीदवार निरक्षर हैं. दिल्ली जैसे शैक्षिक केंद्र में उम्मीदवारों की शिक्षा का यह स्तर गंभीर सवाल खड़े करता है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने वाले अधिकांश उम्मीदवार 41-50 वर्ष के आयु वर्ग में आते हैं. एडीआर ने 5 फरवरी को होने वाले चुनावों के मद्देनजर उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, आयु जनसांख्यिकी और राजनीतिक भागीदारी पर अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया है. यह डेटा उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्रों के साथ प्रस्तुत हलफनामों से लिया गया है. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या 672 से बढ़कर 699 हो गई है.
कौन हैं सबसे यंग और बुजुर्ग उम्मीदवार?
रिपोर्ट के मुताबिक, 41-50 आयु वर्ग के 235 उम्मीदवार इस बार चुनाव लड़ रहे हैं, जो 2020 में 199 थे. वहीं, 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के उम्मीदवारों की संख्या 2020 में 11 थी, जो अब बढ़कर 19 हो गई है. इस श्रेणी में आम जनमत पार्टी के 88 वर्षीय राजेंद्र सबसे बुजुर्ग उम्मीदवार हैं. इसके विपरीत, 25-30 वर्ष की आयु के उम्मीदवारों की संख्या घटकर 46 रह गई है. इस श्रेणी में भावना (निर्दलीय) और हर्षद चड्ढा (बसपा) सबसे युवा उम्मीदवार हैं.
46% उम्मीदवार हैं कक्षा 5 से 12वीं पास
एडीआर की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि उम्मीदवारों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि में विविधता है. 46% यानी 324 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 से 12वीं तक घोषित की है. वहीं, 46% अन्य उम्मीदवार स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री धारक हैं. इनमें 126 स्नातक, 84 प्रोफेशनल स्नातक और 104 स्नातकोत्तर उम्मीदवार शामिल हैं. इसके अलावा, 8 उम्मीदवारों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है, जबकि 18 ने डिप्लोमा कोर्स पूरा किया है.
29 उम्मीदवार हैं अंगूठा छाप
दिलचस्प बात यह है कि औपचारिक स्कूली शिक्षा के बिना खुद को साक्षर घोषित करने वाले 6 उम्मीदवार हैं, जबकि 29 उम्मीदवारों ने निरक्षर होने की जानकारी दी है. इस बार पेशेवर स्नातक उम्मीदवारों की संख्या 2020 में 62 से बढ़कर 84 हो गई है. वहीं, स्नातकोत्तर उम्मीदवारों की संख्या 90 से बढ़कर 104 हो गई है. हालांकि, डॉक्टरेट धारकों की संख्या 11 से घटकर 8 रह गई है. बता दें, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और मतगणना 8 फरवरी को होगी.