बाबा चैतन्यानंद की लेडी गैंग बेनकाब, छात्राओं को चुप रखने का था जिम्मा; पूछताछ में खोले सभी राज

इस मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस अब दिल्ली के बाहर भी जांच कर रही है. एक पुलिस टीम उत्तराखंड के अल्मोड़ा पहुंची, जहां बाबा सरस्वती ने एक गेस्ट हाउस में छात्राओं के साथ रुकने की बात सामने आई है. पुलिस ने बाबा के मोबाइल और डिजिटल डिवाइस खंगालते हुए कई डिजिटल सबूत बरामद किए हैं.;

( Image Source:  X : @Benarasiyaa )
Edited By :  रूपाली राय
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दिल्ली में छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किए गए स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती (62 वर्ष) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब पुलिस ने बाबा के साथ-साथ उसकी तथाकथित 'लेडी ब्रिगेड' को भी गिरफ्तार कर लिया है. इस लेडी ब्रिगेड में तीन महिलाएं शामिल हैं, जो न केवल बाबा के कुकर्मों में उसका साथ देती थी, बल्कि छात्राओं को डराकर और धमकाकर चुप भी कराती थीं. 

गिरफ्तार की गई महिलाएं कोई आम शख्स नहीं, बल्कि समाज में ऊँचे पदों पर काम करने वाली थी. इनमें एक निजी संस्थान की एसोसिएट डीन श्वेता शर्मा, कार्यकारी निदेशक भावना कपिल और वरिष्ठ संकाय सदस्य काजल शामिल हैं. पुलिस जांच में सामने आया है कि ये तीनों असल में सगी बहनें हैं और बाबा के साथ मिलकर छात्राओं पर दबाव बनाने और उन्हें चुप कराने का काम करती थी. 

छात्राओं को धमकाने और सबूत मिटाने का आरोप

पुलिस के अनुसार, तीनों महिलाओं पर गंभीर आरोप लगे हैं. वे छात्राओं को बाबा का आदेश मानने के लिए मजबूर करती थी. अगर छात्राएं विरोध करतीं, तो उन्हें डराया-धमकाया जाता. इतना ही नहीं, ये महिलाएं पीड़ित छात्राओं से कहतीं कि वे बाबा के भेजे गए अश्लील मैसेज अपने फोन से डिलीट कर दें. इन पर आरोप है कि उन्होंने न केवल छात्राओं को मानसिक दबाव में रखा, बल्कि पुलिस की जांच में बाधा डालने और सबूत नष्ट करने की कोशिश भी की. 

पूछताछ में कबूला जुर्म

पुलिस पूछताछ के दौरान तीनों महिलाओं ने यह मान लिया कि वे बाबा चैतन्यानंद सरस्वती के निर्देशों का पालन करती थी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 'अनुशासन' और 'समय की पाबंदी' जैसे बहाने बनाकर वे छात्राओं पर दबाव डालती थी, ताकि छात्राएं बाबा की बात मानने के लिए मजबूर हो जाएं. 

जांच की दिशा – अल्मोड़ा तक पहुंची पुलिस

इस मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस अब दिल्ली के बाहर भी जांच कर रही है. एक पुलिस टीम उत्तराखंड के अल्मोड़ा पहुंची, जहां बाबा सरस्वती ने एक गेस्ट हाउस में छात्राओं के साथ रुकने की बात सामने आई है. पुलिस ने बाबा के मोबाइल और डिजिटल डिवाइस खंगालते हुए कई डिजिटल सबूत बरामद किए हैं. जांच में पता चला है कि बाबा ने एक 'योग ग्रुप' बनाया था, जहां छात्राओं की तस्वीरें शेयर की जाती थीं और वह उन पर अश्लील और भद्दी टिप्पणियां करता था. 

ठिकानों से बरामद अश्लील सामान

गिरफ्तारी के बाद बाबा को पुलिस सबसे पहले दिल्ली के उसी निजी संस्थान ले गई, जहां वह काम करता था और जहां उसने कथित तौर पर 17 छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद उसके ठिकानों पर तलाशी ली गई. बुधवार को हुई तलाशी के दौरान पुलिस ने बाबा के ठिकाने से चौंकाने वाली चीजें बरामद की. इनमें अश्लील सामग्री, सेक्स टॉय, और कई अश्लील सीडी शामिल हैं. ये सभी सामान इस बात का सबूत हैं कि बाबा लंबे समय से गंदी हरकतों में लिप्त था. 

बाबा के अश्लील चैट 

पुलिस को बाबा के फोन से उसकी अश्लील चैटिंग का रिकॉर्ड भी मिला है. इनमें वह महिलाओं और छात्राओं को 'बेबी डॉल' कहकर बुलाता था और उनसे गंदी बातें करता था. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि वह महिलाओं को विदेशों में ग्राहकों तक पहुंचाने की कोशिश करता था. यानी मामला केवल यौन शोषण का ही नहीं, बल्कि मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध की ओर भी इशारा करता है. पुलिस ने उसके पास से कई फर्जी तस्वीरें भी जब्त की हैं. इन तस्वीरों में बाबा खुद को बड़ी हस्तियों के करीब दिखाने की कोशिश कर रहा था. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के एक नेता के साथ बनाई गई फर्जी तस्वीरें शामिल हैं. 

नौकरी का लालच देकर करता था शिकार

पुलिस जांच में सामने आया है कि बाबा सरस्वती महिलाओं और छात्राओं को नौकरी का लालच देता था. वह उन्हें कहता कि अगर वे उसकी बात मान लें, तो उन्हें एयरलाइन में फ्लाइट स्टीवर्ड या उसके संस्थान में अच्छी नौकरी मिल सकती है. इन बहानों से वह छात्राओं से बातचीत शुरू करता और धीरे-धीरे उन्हें फंसाने की कोशिश करता. 

बाबा का आलीशान ऑफिस

पुलिस ने बताया कि बाबा का दफ्तर किसी साधारण गुरु या शिक्षक का ऑफिस नहीं था, बल्कि उसे एक लक्जरी सुइट की तरह सजाया गया था. वहां आने वाली महिलाओं को प्रभावित करने के लिए वह महंगे गिफ्ट देता और उन पर अपने रौब का असर डालता. इसके अलावा वह महिलाओं से कहता कि वे योग करते हुए अपनी तस्वीरें और वीडियो उसे भेजें. यही नहीं, वह खुद भी लगातार महिलाओं को अपनी तस्वीरें भेजता रहता था. पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि अब तक की जांच से साफ है कि बाबा सरस्वती के व्यवहार में किसी भी तरह का पछतावा या अपराधबोध नजर नहीं आया है. 

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