अरविंद केजरीवाल के सामने 22 दावेदार! आप चीफ के लिए नई दिल्ली सीट पर कितनी हैं चुनौतियां?

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की 70 सीटों में से सबसे ज़्यादा उम्मीदवार नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में हैं, लेकिन इस हाई-प्रोफाइल सीट पर हमेशा से यही स्थिति रही है.;

Delhi Assembly Election 2025
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 22 Jan 2025 10:31 AM IST

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 70 विधानसभा सीट पर 699 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. इसमें सबसे हॉट सीट नई दिल्ली विधानसभा सीट है, जहां से दो पूर्व सीएम के बेटे प्रवेश वर्मा और संदीप दीक्षित और एक पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. इनके अलावा केजरीवाल के सामने 20 और उम्मीदवारों ने दावा ठोका है. तो सवाल ये है कि आप चीफ के लिए ये सफर कितना मुश्किल होने वाला है?

नई दिल्ली विधानसभा सीट वोटर्स की संख्या के मामले में सरी सबसे छोटी सीट है, जहां 1,90,000 वोटर्स हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कुल 40 उम्मीदवारों ने इस सीट से पर्चे दाख़िल किए थे. इनमें कुछ ने नामांकन वापस ले लिया तो कुछ के रिजेक्ट हो गए. इन सबके बाद यहां कुल 23 उम्मीदवार मैदान में बचे.

3 बार विधायक के आगे है कड़ी टक्कर

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल यहां से 3 बार विधायक रह चुके हैं. इस बार उनका हौसला तो बढ़ा हुआ है, लेकिन उनके सामने चुनौती बड़ी है. BJP ने पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार बनाया है तो कांग्रेस ने दिल्ली की सत्ता पर 15 साल राज करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने वीरेंद्र को टिकट दिया है.

केजरीवाल के आगे है ये चुनौतियां

केजरीवाल के वोट प्रतिशत की बात करें तो 2013 में पहली बार 53.46 प्रतिशत, 2015 में 64.34 प्रतिशत और 2020 में 64.34 प्रतिशत वोट मिले थे. तीनों चुनाव में उन्हें पचास फ़ीसदी से अधिक वोट मिले थे. इस सीट पर वाल्मिकी और धोबी समुदाय सत्ता का रास्ता साफ कर सकते हैं. यही कारण है कि केजरीवाल ने धोबी समाज के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान किया कि चुनाव जीतने के बाद दिल्ली सरकार धोबी समुदाय कल्याण बोर्ड का गठन करेगी.

वाल्मिकी वोटर्स का बीजेपी की ओर झुकाव केजरीवाल की  सिरदर्दी

एक अनुमान के मुताबिक यहां वाल्मिकी वोटर्स 20,000 के आसपास तो धोबी समुदाय के वोटर्स 15,000 है. इससे तस्वीरें साफ है कि ये समुदाय निर्णायक भूमिका निभाता है और केजरीवाल के पिछले चुनाव में भी इनका बड़ा योगदान रहा है. इसलिए वो इस वोट को अपने पाले में करने की पूरी कोशिश में लगे हैं. वाल्मिकी वोटर्स में इस बार बीजेपी की तरफ़ एक झुकाव दिख रहा है, जो केजरीवाल के लिए एक बड़ी सिरदर्दी बनती दिख रही है. हालांकि, केजरीवाल की घोषणा के बाद से धोबी समुदाय में खुशी नजर आ रही है.

भाजपा और आप के बीच मुख्य मुकाबला

नई दिल्ली में मुख्य मुकाबला भाजपा और आप के बीच है. 2020 में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 28 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 1993 में 22, 1998 में आठ, 2003 में 19, 2008 में 25, 2013 में 17 और 2015 में 13 उम्मीदवार मैदान में थे. 2020 में 28 उम्मीदवारों में से 11 निर्दलीय थे. नई दिल्ली सीट पर सबसे अधिक निर्दलीय उम्मीदवार 1993 में थे, जब 16 ऐसे उम्मीदवार मैदान में थे. 1998 और 2015 में इस सीट पर सिर्फ तीन-तीन निर्दलीय उम्मीदवार थे.

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