ये किस पद पर है... सरकारी विमान से उतरने पर सवालों के घेरे में धीरेंद्र शास्त्री, पूर्व सीएम ने भी खूब सुनाया

सवाल यह उठता है कि धीरेंद्र शास्त्री किसी संवैधानिक या सरकारी पद पर नहीं हैं, फिर भी राज्य के विमान की सुविधा मिली. विपक्ष (कांग्रेस) इसे जनता के पैसे की बर्बादी और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग बता रहा है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक एजेंडा से जोड़ा और तंज कसा.;

( Image Source:  X: @RoshanKrRaii )
Edited By :  रूपाली राय
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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिन्हें दुनिया और उनके अनुयायी बागेश्वर धाम वाले बाबा के नाम से जानती है. हाल ही में उन्हें लेकर एक विवाद छिड़ गया है. वहज है उनका सरकारी विमान से उतरना. जिसके बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सवालों के घेरे में आ गए कि भला आखिर एक कथावाचक के स्वागत में सरकारी विमान का क्या काम?. क्या प्रसाशन अब सिर्फ आए दिन कथावाचकों के खिदमत में लगे रहते है.

दरअसल धीरेंद्र शास्त्री छत्तीसगढ़ में भागवत कथा करने पहुंचे हैं जहां उनका कार्यक्रम 25 से 29 दिसंबर 2025 तक रहेगा. वे छत्तीसगढ़ सरकार के शासकीय विमान से सतना (मध्य प्रदेश) से रायपुर आए. इस दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब भी साथ थे रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्री पहले विमान से सतना गए और बाबा को लेकर लौटे.

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अधिकारी ने टोपी उतार के छुए पैर

अब सवाल यह उठता है कि धीरेंद्र शास्त्री किसी संवैधानिक या सरकारी पद पर नहीं हैं, फिर भी राज्य के विमान की सुविधा मिली. विपक्ष (कांग्रेस) इसे जनता के पैसे की बर्बादी और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग बता रहा है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक एजेंडा से जोड़ा और तंज कसा. सोशल मीडिया पर भी सवाल उठ रहे हैं कि टैक्सपेयर्स के पैसे से निजी धार्मिक कार्यक्रम के लिए विमान क्यों?. रायपुर एयरपोर्ट पर माना थाना प्रभारी मनीष तिवारी (ऑन-ड्यूटी) ने जूते-टोपी उतारकर बाबा के पैर छुए. इसका वीडियो वायरल हो गया. इसे वर्दी की गरिमा और संविधान की निष्पक्षता पर हमला बताया जा रहा है. पुलिस ने अधिकारी को लाइन अटैच कर दिया है. 

सोशल मीडिया पर उठे सवाल 

एक यूजर ने धीरेंद्र शास्त्री का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'यह वीडियो कई मायनों में बेहद आपत्तिजनक है. धार्मिक उपदेशक धीरेन्द्र शास्त्री छत्तीसगढ़ सरकार के विमान का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो भी करदाताओं के पैसे से. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उनके सामने जूता उतारकर सलाम कर रहे हैं और उनके पैर छू रहे हैं (वर्दी के नियमों का घोर उल्लंघन). भारत, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, आवाज़ उठाओ!.' दूसरे ने कहा, 'करदाताओं का पैसा जन कल्याण के लिए है, न कि वीआईपी धर्मगुरुओं के लिए. सरकारी विमान, पुलिस की चाटुकारिता और धार्मिक तमाशा यह संवैधानिक नैतिकता का पूर्ण पतन है.'एक अन्य ने कहा, 'सबसे बेहतरीन और मंदी से अप्रभावित स्टार्टअप बाबादाम का पेशा है. न्यूनतम निवेश और असीमित लाभ.' वहीं एक ने कहा, 'धीरेन्द्र शास्त्री किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं, फिर भी सरकारी विमान और पुलिस सुरक्षा का इस्तेमाल करते हैं. उनका वेतन करदाताओं के पैसे से दिया जाता है. यह स्पष्ट रूप से राज्य शक्ति का दुरुपयोग है.' 

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