इस वजह से बंद हो जाएंगे राजनांदगांव के 330 स्कूल, जानें सरकार क्यों ले रही ये फैसला, शिक्षकों की नौकरी पर क्या होगा असर?

Rajnandgaon News: छत्तीसगढ़ सरकार ने राजनांदगांव जिले स्थित करीब 330 स्कूलों का दूसरे स्कूल में विलय करने का फैसला लिया है. कई बातों को ध्यान में रखते हुए 330 स्कूलों के विलय का फैसला लिया गया. स्कूलों का विलय पहले भी कई राज्य कर चुके हैं. इससे स्कूलों में एजुकेशन सिस्टम और पढ़ाई के लेवल में सुधार आएगा. शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 1 Dec 2025 5:17 PM IST

Rajnandgaon Government School: छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा व्यवस्था और स्कूल के बेहतर संचालन के उद्देश्य से एक अहम फैसला लिया है. सरकार ने राजनांदगांव जिले में 330 स्कूलों का मर्जर गवर्नमेंट स्कूल में करने का एलान किया है. इस फैसले के तहत 10 से कम रजिस्टर स्टूडेंट्स वाले स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा. आदेश के बाद अधिकारियों ने प्रक्रिया की भी शुरुआत कर दी है.

राजनांदगांव जिले स्थित करीब 330 स्कूल इस मर्ज होने वाले हैं. वहीं स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स को ऐसी जगह भेजा जाएगा, जहां शिक्षकों की भारी कमी है, लेकिन एक क्लास में बच्चों की संख्या ज्यादा है. इस कदम के पीछे शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे स्कूलों में एजुकेशन सिस्टम और पढ़ाई के लेवल में सुधार आएगा.

330 स्कूलों का विलय

राज्य सरकार ने जब स्कूलों के हालात पर जांच की तो पता चला कि कई ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चों की संख्या कम है. वहीं दूसरी ओर 50 से ज्यादा बच्चों पर एक टीचर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इससे उन पर प्रेशर पड़ रहा है. ऐसी ही कई बातों को ध्यान में रखते हुए 330 स्कूलों के विलय का फैसला लिया गया. स्कूलों का विलय पहले भी कई राज्य कर चुके हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने 2024 में कई जिलों के स्कूलों में विलय प्रक्रिया को लागू किया था. इसी दिशा में अब छत्तीसगढ़ आगे बढ़ रहा है.

बीजापुर के स्कूलों का हाल

राज्य में नक्सली गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. हालांकि केंद्र और राज्य सरकार लगातार इसके खिलाफ अभियान चला रही है. बीजापुर जिले में पहले हालात बेहतर हुए हैं. नक्सलवाद की वजह से स्कूलों को बंद कर दिया था. अब यह खुलने लगे हैं और बिना डरे बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेज रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, चौथी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने कहा, पहले यहां स्कूल नहीं था. जब स्कूल नहीं होता था तो हम काम करते थे. यहां आकर अच्छा लगता है. उसने कहा कि मैं बड़ा होकर टीचर बनूंगा. वहीं शिक्षक महेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल को शुरू हुए 4 साल हो गए हैं. 2005-2006 में यहां स्कूल और नक्सलियों ने नष्ट कर दिया था. मेरे स्कूल में अभी 67 बच्चे हैं.

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