आजादी के बाद पहली बार चुनचुना गांव में पहुंचा पीने का साफ पानी, तो लोगों ने सुनाई अपनी आपबीती
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का कहर इस कदर रहा कि लोगों को पीने का साफ पानी भी नसीब नहीं होता था, लेकिन अब सरकार की लगातार कोशिश के बाद लोगों को उनकी बुनियादी सुविधाएं मिल रही है.;
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले नक्सल प्रभावित है, जहां आए दिन सेना और नक्सलवादियों में भिड़ंत की खबर सामने आती रहती है. यहां गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच बसा है नक्सल प्रभावित चुनचुना गांव, जहां विकास तो छोड़िए पीने का पानी तक लोगों को बड़ी मुश्किल से नसीब होता था. लेकिन अब आजादी के बाद पहली बार पीने का साफ पानी मिलने पर लोगों में खुशी की लहर है.
गांव के एक निवासी ने कहा, 'पहले हमें दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था. यहां नक्सलियों का प्रभाव भी था. सड़कें न होने की वजह से बोर नहीं खोदे जा सके. अब सड़कें बन गई हैं और हर घर में 24 घंटे पानी की आपूर्ति हो रही है.'
गांव के एक अन्य निवासी ने कहा, 'पानी दूर-दूर से लाना पड़ता था. अब सरकार ने पानी मुहैया करा दिया है, तो हमें काफी राहत मिली है.' गांव वाले बताते हैं कि उन्हें कई किलोमीटर चलकर पानी लाने के लिए दूर जाना पड़ता था, जो बेहद सीमित होता था. इससे हर रोज की जिंदगी में काफी समस्याएं आती थी.
जंगलों से घिरा और नक्सल प्रभावित गांव
लगभग 100 घरों की आबादी वाले इस गांव को अपने सुदूर स्थान के कारण लंबे समय से स्वच्छ पेयजल तक पहुंच में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जंगलों से घिरे और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बसे होने के कारण यहां बोरवेल खोदना मुश्किल था और सड़कों की कमी ने समस्या को और बढ़ा दिया. हालांकि, सरकार के जल जीवन मिशन के तहत स्थिति में काफी सुधार हुआ है.