खत्म हो रहा नक्सलवाद! माओवादी संगठन कर रहा सरेंडर, सरकार को पत्र लिखकर कहा- हम शांति बहाली के लिए...

Chhattisgarh News: सीपीआई (माओवादी) के टॉप लीडर अभय ने एक पत्र में सरकार के साथ शांति बहाल करने के लिए पत्र लिखा. पत्र में माओवादी संगठन ने सरकार से एक महीने का समय मांगा है जिससे जेलों में बंद साथियों सहित देशभर के नेताओं और कैडरों से सलाह लेकर शांति पर सहमति बनाई जा सके.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 17 Sept 2025 8:00 AM IST

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बढ़ते आतंक को खत्म करने के लिए राज्य सरकार सुरक्षा बलों के साथ मिलकर अभियान चला रही है. पिछले कुछ दिनों ने कई माओवादियों को ढेर किया गया वहीं कुछ ने खुद सरकार के सामने सरेंडर कर दिया. इस बीच सीपीआई (माओवादी) के टॉप लीडर अभय ने एक पत्र में सरकार के साथ शांति बहाल करने की पेशकश की.

अबुझमाड़ के गहरे जंगलों में चल रहे लगातार सुरक्षा बलों के अभियानों ने संगठन को बुरी तरह कमजोर कर दिया है. दोनों के बीच मुठभेड़ में कई नक्सली ढेर हुए. इस साल ही उनके महासचिव बसवराजु और सात केंद्रीय समिति सदस्य मारे जा चुके हैं. ऐसे में अब सीपीआई चाहता है कि कोई बीच का रास्ता निकालकर संघर्ष को रोक दिया जाए.

मायोवादियों ने सरकार से मांगा समय

पत्र में माओवादी संगठन ने सरकार से एक महीने का समय मांगा है जिससे जेलों में बंद साथियों सहित देशभर के नेताओं और कैडरों से सलाह लेकर शांति पर सहमति बनाई जा सके. हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि इस पत्र की विश्वसनीयता की जांच की जा रही है, क्योंकि इसमें अभय की तस्वीर भी छपी है, जो पहले की प्रेस रिलीज से अलग है.

पत्र में लिखा कि बदलते राष्ट्रीय और वैश्विक हालात, साथ ही प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और शीर्ष पुलिस अधिकारियों की लगातार अपील को देखते हुए, हमने हथियार छोड़ने और अस्थायी युद्धविराम का निर्णय लिया है. आगे भी हम जनहित के लिए राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष जारी रखेंगे. माओवादियों ने गृहमंत्री या केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए तैयार रहने की बात भी कही.

पुलिस का बयान

इस मामले पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा कि इस पत्र पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है, लेकिन बातचीत या किसी भी तरह की पहल का निर्णय केंद्र सरकार के हाथ में है. एक केंद्रीय अधिकारी के अनुसार, हाल के महीनों में जिस तेजी से सुरक्षा बलों ने अभियान चलाया है, उससे माओवादियों के पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.

माओवादियों का बयान बताता है कि उन्होंने 10 मई 2025 को भी युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था और एक महीने का समय मांगा था, मगर सरकार ने इसके बजाय अभियान तेज कर दिया, जिसमें बसवराजु सहित 28 लोग मारे गए.

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