1 करोड़ का इनामी नक्सली हिडमा ढेर, 26 हमलों का था मास्टरमाइंड; पत्नी समेत 6 माओवादी भी मारे गए

आंध्र प्रदेश पुलिस और सुरक्षाबलों ने बस्तर के कुख्यात माओवादी कमांडर माडवी हिडमा को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. 1 करोड़ का इनामी हिडमा 2010 दंतेवाड़ा हमला, 2013 झीरम घाटी नरसंहार और 2021 सुकमा-बीजापुर एम्बुश सहित 26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था. मुठभेड़ में उसकी पत्नी राजे समेत 6 नक्सली भी मारे गए. PLGA बटालियन नंबर 1 के प्रमुख हिडमा की मौत को सुरक्षा एजेंसियां माओवादी नेटवर्क पर अब तक का सबसे बड़ा झटका बता रही हैं. जानें पूरा ऑपरेशन, हिडमा का काला इतिहास और आगे की रणनीति.;

( Image Source:  X/Goreunit )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 18 Nov 2025 11:58 AM IST

छत्तीसगढ़ और आंध्र–ओडिशा बॉर्डर के जंगलों में सालों तक दहशत फैलाने वाला माओवादी कमांडर माडवी हिडमा जिसका नाम सुनते ही सुरक्षा एजेंसियों में अलर्ट बज जाता था, आखिरकार ढेर कर दिया गया. जिस हिडमा पर 1 करोड़ का इनाम था और जो 26 से अधिक खूनी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था, उसे मार गिराना सुरक्षा तंत्र के लिए एक दशक की सबसे बड़ी उपलब्धि साबित हुई है.

हिडमा सिर्फ एक नक्सली कमांडर नहीं था, बल्कि CPI (माओवादी) के अंदर वह एक ऐसी रणनीतिक इकाई का नेतृत्व करता था, जिसने दंतेवाड़ा, सुकमा और झीरम घाटी जैसे हमलों से देश को हिला दिया था. अब आंध्र प्रदेश के मारेदुमिल्ली क्षेत्र में हुए ऑपरेशन ने उसके खौफ के अध्याय को हमेशा के लिए बंद कर दिया है.

सुरक्षाबलों ने किया सबसे बड़ा 'टारगेट न्यूट्रलाइज़'

आंध्र प्रदेश पुलिस की स्पेशल टीम ने शुक्रवार सुबह मारेदुमिल्ली इलाके में एक सटीक और तेज़ ऑपरेशन चलाया. सुबह करीब 6 से 7 बजे के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में हिडमा सहित छह माओवादी मारे गए. इस टेरिटरी में उसकी मौजूदगी की खुफिया जानकारी पहले से थी, और पुलिस ने जंगल को चारों ओर से घेरकर ऑपरेशन को अंजाम दिया. DGP हरीश कुमार गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए इसे एक “मेजर स्ट्रेटेजिक ब्रेकथ्रू” बताया.

26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड

हिडमा बस्तर क्षेत्र में PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था—यह वही यूनिट है जिसे सबसे घातक और हमलावर इकाई कहा जाता है. उसके बड़े हमलों में शामिल हैं:

  • 2010 दंतेवाड़ा हमला: 76 CRPF जवानों की शहादत
  • 2013 झीरम घाटी नरसंहार: कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोगों की मौत
  • 2021 सुकमा–बीजापुर एम्बुश: 22 जवान शहीद

इनके अलावा बस्तर में वर्षों तक उसने गुरिल्ला ऑपरेशनों की अगुवाई कीऔर उसका आतंक स्थानीय आदिवासी समुदाय तक में गहरा था.

सुकमा से उठा ‘खूनी कमांडर’

1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा के पुवर्ती इलाके में जन्मा हिडमा कम उम्र में ही माओवादी संगठन में शामिल हो गया. उसकी जंगल-भूगोल पर पकड़, घात और एम्बुश की रणनीति तथा आदिवासी इलाकों में नेटवर्क ने उसे CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य बना दिया. वह संगठन का एकमात्र आदिवासी नेता भी था, जिसके कारण उसे स्थानीय स्तर पर और भी समर्थन मिलता था.

पत्नी भी मुठभेड़ में ढेर

खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस मुठभेड़ में हिडमा की दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का भी मारी गई. वह हिडमा के साथ कई ऑपरेशनों में सक्रिय भूमिका निभाती थी. हिडमा की मौत के साथ उसकी कोर टीम के खत्म होने से माओवादी संगठन को बड़ा मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक नुकसान पहुंचा है.

बस्तर में माओवादी नेटवर्क को झटका

सुरक्षा एजेंसियाँ हिडमा के खात्मे को पिछले एक दशक का सबसे बड़ा ऑपरेशन मान रही हैं. बस्तर का माओवादी ढांचा काफी हद तक उसकी रणनीति और नेतृत्व पर निर्भर था. अधिकारियों का मानना है कि उसके मारे जाने से न केवल कई मॉड्यूल कमजोर होंगे, बल्कि भर्ती और फाइनेंसिंग पर भी सीधा असर पड़ेगा.

जंगल में कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी

मुठभेड़ के बाद इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस ने मौके से हथियार, विस्फोटक और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं. सूत्रों का मानना है कि आने वाले दिनों में माओवादी नेटवर्क की शेष इकाइयों को दबाव में लाकर और बड़े ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.

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